गरिमा गृह के सात ट्रांसजेंडर्स को वेदांता में मिला रोजगार

रायपुर ,02 मार्च  गरिमा गृह के सात ट्रांसजेंडर्स ठेका कंपनी G4S (ग्रुप फॉर सिक्योर) के अधीन वेदांता प्लांट में सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर सेवाएं देंगे। गुरुवार को ट्रांसजेंडर्स की पृष्ठभूमि, समुदाय की सामाजिक स्थिति, मनोवैज्ञानिक समस्याएं एवं समाधान विषय पर एक कार्यशाला वेदांता टाउनशिप सेंटर में आयोजित की गई थी। इसी कार्यशाला के दौरान वेदांता झाड़सुगुड़ा के सीईओ सुनील गुप्ता और एचआर हेड दिलीप सिन्हा और G4S प्रमुख सुमन झा की उपस्थिति में ट्रांसजेंडर्स को ज्वानिंग किट सौंपे गए।

विद्या राजपूत ने बताया कि वेदांता अधिकारियों, कर्मचारियों और ठेका कर्मचारियों की उपस्थिति में सिद्धि नाके ,आरोही शर्मा ,खुशी ध्रुव ,रोमा ध्रुव ,संध्या और पवित्रा वेदांता परिवार के सदस्य बने। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि वेदांता  ऐसी औद्योगिक इकाई बन गई है जहां किसी भी तरह के लैंगिक भेदभाव के परे नागरिकों को अपना हुनर दिखाने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य शासन ने पुलिस विभाग में 13 थर्ड जेंडर और 9 बस्तर फाइटर्स नागरिकों को कॉन्सटेबल के तौर पर सेवा का मौका दिया है। वेदांता ,बालको तथा  पुलिस विभाग राज्य शासन छत्तीसगढ़ की पहल देश में ऐतिहासिक बदलाव का संकेत है। उन्होंनेे थर्ड जेंडर समुदाय के सामाजिक एवं भावनात्मक पक्षों के बारे में श्रोताओं को अनेक जानकारियां दी।

वेदांता झारसुगुड़ा सीईओ सुनील गुप्ता ने विद्या राजपूत और उनके समुदाय के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि थर्ड जेंडर समुदाय की मदद से वेदांता में नए सामाजिक परिवर्तन और अंधविश्वास को खत्म करने की शुरूआत हो रही है। यह परिवर्तन थर्ड जेंडर की सामाजिक हैसियत को सुधारने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। वेदांता ने साढ़े पांच दशको की औद्योगिक यात्रा में विकास के अनेक दौरान देखें हैं। वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल के मार्गदर्शन में प्रबंधन प्रतिभाओं की तलाश करने और उन्हें देश के विकास में योगदान के लिए तैयार करने की दिशा में काम कर रहा है। G4S राज्य प्रमुख सुमन झा ने कहा कि उद्योग प्रतिभाओं के बूते संचालित होता है। प्रतिभा लैंगिक पूर्वाग्रहों से मुक्त होती है। कोई भी व्यक्ति जन्मजात प्रतिभाशाली नहीं होता बल्कि उसे तैयार करना पड़ता है। वक्त आ गया है कि हम अब तक उपेक्षित थर्ड जेंडर समुदाय के प्रति सकारात्मक सोच के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें। उन्हें आगे बढ़ाने के लिए हरसंभव माहौल तैयार करें।



कार्यक्रम में मौजूद रविना बरिहा, सदस्य, तृतीय लिंग कल्याण बोर्ड, पूर्व सलाहकार, राष्ट्रीय रक्षा संस्थान, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार ने बताया कि प्राचीनकाल से ही देश में थर्ड जेंडर समुदाय का विशिष्ट स्थान रहा है उन्होंने रामायण एवं महाभारत के अनेक प्रसंगों का उल्लेख करते हुए कहा कि थर्ड जेंडर समुदाय ने हमेशा ही समाज के विकास के महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वेदांता में 7 थर्ड जेंडर समुदाय को कैरियर का अवसर मिलना निश्चित ही बड़ी सामाजिक पहल है। पोपी देवनाथ, ट्रांसमेन अधिकार कार्यकर्ता, रायपुर छत्तीसगढ़ ने अपने जीवन की विभिन्न घटनाओं के बारे में श्रोताओं को अवगत कराते हुए बताया कि थर्ड जेंडर के प्रति समाज को अपनी सोच में बदलाव लाने की जरूरत है।

वेदांता के सुशांत ने कहा कि थर्ड जेंडर के बारे में लोगों में जागरूकता कम है। यह हमारा दायित्व है कि इस समुदाय के प्रति सभी की सोच सकारात्मक हो। निरूपा ने बताया कि वेदांता अपने स्थापना काल से ही अपने योगदान से देश की शान के तौर पर पहचाना जाता है। एचआर  हेड दिलीप सिन्हा ने बताया कि उनकी कंपनी थर्ड जेंडर व्यक्ति को काम के मौके देकर गर्व का अनुभव करती है।

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