रायगढ़ ,01 मार्च । प्रदूषण के सबसे प्रमुख कारणों में कोयले का रोड से परिवहन किया जाना है। जिले में प्रदूषण फैलाने का एक कारण रेलवे भी है। रायगढ़ से निकलने और गुजरने वाले कोयले की मालगाड़ी में तिरपाल ही नहीं होते। विशाखापट्टनम पोर्ट से छग के प्लांटों में कोयला परिवहन का रूट भी रायगढ़ होकर है। कोयला परिवहन में केवल ट्रांसपोर्टर ही नहीं बल्कि भारतीय रेलवे भी लापरवाही बरत रही है। कोयला ढोने वाली मालगाडिय़ों में तिरपाल ही नहीं होते। रायगढ़ में एसईसीएल की रोजाना एक-दो रैक निकलती है। इसके अलावा दूसरे राज्यों से भी कोयला परिवहन किया जाता है।
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दो दिन पहले विशाखापट्टनम बंदरगाह से ऑस्ट्रेलिया का आयातित कोयला भिलाई स्टील प्लांट के लिए ले जाया जा रहा था। रायगढ़ से होकर मालगाड़ी गुजरी। इसका हैंडलिंग एजेंट अडाणी गंगावरम पोर्ट लिमिटेड था। एक भी वैगन में तिरपाल नहीं ढंका था। मालगाड़ी जहां से भी गुजरी, वहां कोल डस्ट फैला होगा। रायगढ़ के रेलवे साइडिंग में हालात और भी खराब हैं। यहां लोडिंग और अनलोडिंग के दौरान ही भारी प्रदूषण होता है। इसके बाद एसईसीएल के कोयले में तिरपाल तक नहीं डाली जाती। रेल लाइन के आसपास का हिस्सा कोल डस्ट से पटा होता है।
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