कोरबा, 27 फरवरी (वेदांत समाचार)। कोरबा सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिन्हा ने जारी एक बयान में बताया कि जिला खाद्य विभाग के संरक्षण में पीडीएस चावल की हेराफेरी लगातार जारी है जो चिंता का विषय है।
सिन्हा ने आगे बताया कि पीडीएस चावल की खरीद-बिक्री से संबंध है। अनेक सामाजिक संगठनों, राजनीतिक दलों द्वारा खाद्य विभाग जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर अवगत कराया जा चुका है कि जिले में सप्ताहिकी बाजारों से लेकर शासकीय गोदाम सहित अनेक स्थानों पर पीडीएस चावल जो गरीबों के लिए वरदान है उस चावल की खरीद बिक्री जारी है लेकिन आज दिनांक तक खाद्य विभाग द्वारा जिले में कहीं भी पीडीएस चावल की धर-पकड़ स्वयं के माध्यम से नहीं किया बल्कि आम नागरिकों के दिए सूचना पर कि पीडीएस चावल कहीं खपाने जा रहा है। गाड़ी वाला को उसको पुलिस और खाद्य विभाग पकड़ कर अपनी वाहवाही लूटने की फिराक में रहते हैं जबकि वास्तविकता तो यह है कि जिले के डीडीएम की सप्ताहिकी बाजारों सहित कई जगह धड़ल्ले से खरीद-बिक्री लगातार हो रही है तथा शासकीय गोदाम से चावल ले जाकर अधिकतर डीडीएम रोड में एक व्यापारी जो करोड़ों का पीडीएस चावल खरीद कर हेराफेरी करता है।
उसके पास विक्रय कर देते हैं। यह सब जानकारी संबंधित विभाग के पास मौजूद है लेकिन उन्होंने स्वयं कभी भी छापामारी करके पीडीएस चावल नहीं पकड़ा। जब आम जनता व नागरिकों को दिखाई देता है कि कहीं गाड़ी पीडीएस चावल लेकर जा रहा है और यह अफरा-तफरी वाला हो सकता है तो संबंधित विभाग पुलिस को सूचना देने पर उस गाड़ी की जब्ती की जाती है और उसके बाद किसी ना किसी बहाने उसे मुक्त भी कर देते हैं इससे पता चलता है एक बहुत बड़ी लाबी इस काम में करोड़ों की कमाई अवैध रूप से कर रहे।
कल शाम को जिला नागरिक आपूर्ति भंडारण गिरी से शिवाजी नगर कॉलोनी में पीडीएस दुकानदार के यहां 32 क्विंटल चावल मजेदार चार चक्के की गाड़ी नंबर सीजी 12a13224 में चावल शिवाजी नगर के बजाय काला बाजार में बेचने के लिए ट्रांसपोर्ट नगर की ओर जाते हुए एक नागरिक द्वारा सूचना दिए जाने के बाद पुलिस ने पकड़ा है। इसके पूर्व भी आम नागरिकों की सूचना पर कई बार खाद्य निगम की गोदामों से लोड चावल कालाबाजारी के लिए गोदाम में जाते हुए पकड़ा गया है लेकिन खाद्य विभाग ने कभी भी एक भी गाड़ी पीडीएस चावल खरीद बिक्री करने वाले का जप्त नहीं किया व उन पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जो संदेह के घेरे में आता हैं। खाद्य विभाग का ऐसा होना चिंता का विषय है।
सिन्हा ने आगे बताया कि जिला प्रशासन को चाहिए कि निष्क्रिय खाद्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को बर्खास्त कर देना चाहिए।
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