Holashtak 2023 : आज से होलाष्टक शुरू,दिनचर्या में नौ दिनों तक कर लें बदलाव

Holashtak 2023: इस साल होलाष्टक 27 फरवरी से शुरू होगा। आमतौर पर यह आठ दिनों का होता है लेकिन इस साल यह नौ दिनों का होगा। सात मार्च को होलाष्टक समाप्त होगा। मान्यता है कि इस बीच कोई भी मांगलिक या शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। ज्योतिषियों का कहना है कि इस बीच किए गए कार्यों से कष्ट, नुकसान और दुख मिलता है।

ज्योतिषाचार्य पंडित देव कुमार पाठक के अनुसार होलाष्टक शुरू होने के साथ ही व्यक्ति को अपने दैनिक दिनचर्चा में खास बदलाव कर लेना चाहिए। यानी सात्विक भोजन, ठंडे जल से स्नान,क्रोध या लड़ाई झगड़ा-बिल्कुल नहीं करना चाहिए। मांस या नशे के सेवन से बचना चाहिए। विशेष रूप से विवाह,वाहन खरीद,नए निर्माण व नए कार्यों को शुरू नहीं करना चाहिए।

READ MORE : Petrol Diesel Prices : पेट्रोल-डीजल के रेटों में हुआ बदलाव, जानें कहां कितना सस्ता हुआ भाव

विवाह भी टाल देना चाहिए। यदि ऐसा करते हैं तो विवाह आदि संबंध विच्छेद और कलह का शिकार हो जाते हैं या किसी अनहोनी की आशंका बढ़ जाती है। सनातन धर्म में शुभ कार्य करने मनाही होती है। सात मार्च को फाल्गुन की पूर्णिमा पर होलाष्टक समाप्त होगा। होलाष्टक प्रारंभ होते ही प्राचीन काल में होलिका दहन वाले स्थान की गोबर,गंगाजल आदि से लिपाई की जाती थी। साथ ही वहां पर होलिका का डंडा लगा दिया जाता था।

READ MORE : बस डिवाइडर से टकराकर पलट गई,घटना में 3 लोगों की मौके पर मौत,12 घायलों को अस्पताल भेजा गया

इनमें एक को होलिका और दूसरे को प्रह्लाद माना जाता है। यह भी बता दें कि होलाष्टक के दौरान अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य,दशमी को शनि,एकादशी को शुक्र,द्वादशी को गुरु,त्रयोदशी को बुध,चतुर्दशी को मंगल और पूर्णिमा को राहू उग्र स्वभाव में रहते हैं। इन ग्रहों के उग्र होने के कारण मनुष्य के निर्णय लेने की क्षमता कमजोर हो जाती है।

इसके कारण कई बार उससे गलत निर्णय भी हो जाते हैं। इस कारण हानि की आशंका बढ़ जाती है। जिनकी कुंडली में नीच राशि के चंद्रमा और वृश्चिक राशि के जातक या चंद्र छठे या आठवें भाव में हैं, उन्हें इन दिनों अधिक सतर्क रहना चाहिए।