नई शिक्षा नीति के अनुरूप स्वयं को अपडेट एवं अपग्रेड करना होगा : संतोष बिसेन

रायगढ़ ,26 फरवरी । राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 प्रत्येक छात्र के रचनात्मक क्षमता के विकास पर जोर देती है। इसका उद्देश्य रटकर सीखने और कोचिंग संस्कृति को समाप्त करके, शिक्षण में आधुनिक तकनीकों और उपकरणों के उपयोग करना एवम छात्रों का योग्यता आधारित आकलन करना जिससे 21वीं सदी के कौशल विकसित हो। इसी तारतम्य में जवाहर नवोदय विद्यालय चिस्दा में विज्ञान शिक्षक और डिजिटल शिक्षा के मेंटर कृष्ण कुमार पटेल (राष्ट्रीय आईसीटी अवॉर्डी) ने “अपनी बात” कार्यक्रम की तीसरी कड़ी “विज्ञान का रचनात्मक अध्ययन” विषय पर वेबीनार का आयोजन किया ।इस बार के कार्यक्रम का उद्देश्य छात्र-छात्राओं में विज्ञान के प्रति रचनात्मक एवं विश्लेषणात्मक प्रवृति उत्पन्न करना एवं इस क्षेत्र में विभिन्न कैरियर के अवसर तलाश करना है।

इस वेबीनार में मेजबान विद्यालय के साथ-साथ आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल सरायपाली, जवाहर नवोदय विद्यालय डोंगरगढ़ ,शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तरकेला अलावा तारापुर रायगढ़ के शिक्षक और छात्रों के साथ-साथ पालक भी बड़ी संख्या में जुड़े थे। मुख्य वक्ता एसके बिसेन (इनोवेटर, कार्टूनिस्ट, व्यंग्यकार, 9 राष्ट्रीय और 4 अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार) पीजीटी बायोलॉजी जेएनवी कवर्धा थे।जो बहुत ही प्रेरक क्रिएटिव और इनोवेटिव व्यक्ति हैं।

विद्यालय के प्राचार्य एबी सक्सेना ने मेहमान का स्वागत करते हुए अविलंब उद्बोधन के लिए आमंत्रित किया।
बिसेन ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि विज्ञान केवल एमबीबीएस या इंजीनियर बनने के लिए नहीं है। यह विविध कैरियर विकल्प के साथ,अनुसंधान का क्षेत्र है। उन्होंने शिक्षकों को भी संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान परिदृश्य में सामान्य पठन-पाठन निरुद्देश्य और समय की बर्बादी है बल्कि अब शिक्षकों को रचनात्मक अध्यापन के नए तरीकों और कौशलों का लगातार अद्यतन और विकास जरूरी है।उन्होंने अपनी बात को कंप्यूटर के बहुत सारे रोचक टूल्स जैसे वर्ड क्लाउड, कंसेप्ट मेकिंग ,पजल्स मेकर, एक्स माइंड टूल के जरिए बहुत सारे डूडल्स भी बनाकर लाइव दिखाया।

रचनात्मक माड्यूल आधारित विभिन्न गतिविधियों को शिक्षण में शामिल करना होगा : कृष्णा पटेल
कार्यक्रम के संयोजक कृष्ण कुमार पटेल ने बताया कि आज के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और चैट जीपीटी के जमाने में हम अपने शिक्षण में भी नवीनतम आईसीटी टूल्स उपयोग में नहीं लाएंगे तो विषय ना तो रोचक होगा और ना ही सार्थक।

सरफेस लर्निंग नहीं अपनी क्रिएटिविटी के द्वारा डीप लर्निंग जरूरी : नेतराम साहू
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित नेतराम साहू ने बताया कि हम केवल बच्चों के सरफेस लर्निंग पर ही ध्यान देते हैं यदि उन्हें बिना डर और मानसिक तनाव के उनकी रूचि और आधुनिक तकनीक के उपयोग करते हुए, उनके कार्यों को वर्तमान परिवेश से जोड़कर डीप लर्निंग कराएं तो उनकी सोच रचनात्मक और सकारात्मक होगी। देहरादून नवोदय विद्यालय से जुड़े लोकेश शर्मा के अनुसार बच्चों से पहले शिक्षकों को नवीनतम तकनीकों से अपडेट और अपग्रेड होने की आवश्यकता है।

प्राचार्य एबी सक्सेना ने अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए समापन उद्बोधन में बताया कि कोई भी विषय व उसका करियर अब संकुचित नहीं बल्कि व्यापक हो गया है। श्रीराम कुमार चंद्रा (कैरियर काउंसलर) के अनुसार तेजी से बढ़ते और बदलते परिवेश तथा समय की मांग व अपनी रूचि के अनुसार कोई भी कैरियर चुन करके अपने स्किल में सुधार व प्रशिक्षण करके हम अपना भविष्य संवार सकते हैं। इसे वेबिनार में प्रदीप सेठ ,किरण कुमार पटेल, संतोष चौरसिया एवम नवोदय विद्यालय के साथ-साथ राज्य स्तरीय विद्यालयों के छात्रों व पालकों की सक्रिय भागीदारी रही ।