जिले में पहली बार 15 सौ एकड़ में होगी मिलेट की खेती

दुर्ग 26 फरवरी  जिले में पहली बार करीब एक हजार किसान 15 सौ एकड़ में रागी का खेती करने जा रहे हैं। इससे इस साल जिले में बड़े पैमाने पर रागी का उत्पादन होगा।  जाएगा। करीब 1 हजार किसान 15 सौ एकड़ खेत में  इसकी खेती करेंगे। इससे करीब 12 हजार क्विंटल उत्पादन होगा। सरकार ने रागी खरीदने के लिए इसका समर्थन मूल्य बकायदा 3578 रूपये भी तय कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी इस वर्ष 2023 को लघु वनोपज वर्ष घोषित किया है। लघु वनोपज को बढ़ावा देने छत्तीसगढ़ सरकार ने रागी का चयन किया है।

क्योंकि रागी बेहद पौष्टिक अनाज है, जो लोगों के भोजन थाली से विलुप्त हो चुका है। पर यदि लोग इसे अपने फूड हैबिट में शामिल करेंगे तो रागी से भरपूर पोषण मिलेगा और बीपी, शुगर जैसे बीमारी से भी बच सकते है। लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि रागी का प्रदेश में बस्तर एरिया में ही होता है। बहुत कम किसान ही इसका उत्पादन करते है। योजना से अब इसे बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।

पोटेशियम और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व मिलते हैं

रागी अनाज है, इसका वैज्ञानिक नाम एलुसीन कोरकाना है। इसमें फाइबर, प्रोटीन, पोटेशियम और कैल्शियम जैसे कई जरूरी पोषक तत्वों होते हैं। एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है। जो हृदय रोग, एजिंग की समस्या और गठिया के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं। रागी को डायबिटीज डाइट में शामिल किया जा सकता है। जिले में मिलेट्स (रागी) कैफे भी खुलेंगे, इसके लिए जगह की तलाशी की जा रही है। जिला प्रशासन ने इसकी तैयारी कर ली है। भिलाई में दो मिलेट्स कैफे शुरू होंगे। यहां कोदो, कुटकी, रागी जैसे पौष्टिक अनाज से बनने वाले स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद चख सकेंगे। इन कैफे को शुरू करने के लिए निगम के अधिकारी जगह की तलाश कर रहे हैं।

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60 क्विंटल बीज का वितरण भी किया गया

कृषि विभाग ने किसानों को प्रेरित करके फ्री में बीज दिया है। करीब 1 हजार किसानों को प्रति एकड़ 12 किलोग्राम के हिसाब से 60 क्विंटल बीज बांटा गया है। इसे किसानों ने खेतों में बोना शुरू कर दिए हैं। करीब 12 हजार क्विंटल मतलब समर्थन मूल्य के हिसाब से 4 करोड़ 29 लाख 36 हजार रुपए का उत्पादन होने की उम्मीद है।

मई में शुरू होगा उत्पादन 1 एकड़ में 8 क्विंटल फसल

उप संचालक कृषि दुर्ग एसएस राजपूत ने बताया कि एक एकड़ में करीब 8 क्विंटल उत्पादन होने की उम्मीद है। करीब 1500 एकड़ में रागी बोया जा रहा है जो मई में उत्पादन होना शुरू हो जाएगा। प्रति एकड़ 8 क्विटल के हिसाब से उम्मीद है 12 हजार क्विंटल उत्पादन होता है, तो रागी का समर्थन मूल्य शासन ने 3578 रुपए तय किया है।