आंगनबाड़ी केंद्र में 32 दिनों से लटका हुआ है ताला

रायगढ़ ,24 फरवरी । आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की हड़ताल नए बस स्टैंड में 32वें दिन भी जारी रही। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्हें छग विधानसभा में पेश होने वाले बजट का इंतजार है। अगर बजट में सरकार हमारी मांगों को पूरा करने का भरोसा दे देती है, तो आंदोलन समाप्त कर देंगे। लेकिन मांगें पूरी नहीं हुई तो आंदोलन को और तेज करेंगे। इधर आंदोलन के चलते जिले के 15 सौ से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों में ताले लटक रहे हैं। इससे जहां छोटे बच्चे एक माह से घर पर हैं, उन्हें आंगनबाड़ी में मिलने वाला पोषण आहार भी नहीं मिल पा रहा है। वहीं गर्भवती माताओं से संबंधित योजनाएं भी ठप है। धरना स्थल पर दिनभर पंडाल के नीचे अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रही हैं।

बच्चों को नहीं मिल पा रहा पोषण आहार

कार्यकर्ताओं ने कहा कि प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों पर तालाबंदी है। सरकार की सारी योजनाएं ठप पड़ी है। हमारी मांगों‌ को सरकार को मानना ही पड़ेगा। आंगनबाड़ी सहायिका कार्यकर्ता के संघ के तत्वावधान में महिलाएं 23 जनवरी से प्रदर्शन कर रही हैं। 27 जनवरी तक रायपुर में प्रदर्शन के बाद भी सरकार ने मांगें पूरी नहीं की। ऐसे में महिलाओं जिला स्तर पर अनिश्चित कालीन हड़ताल जारी रखे हैं। महिलाओं के हड़ताल पर चले जाने से आंगनबाड़ी में पोषण आहार का वितरण बंद है।

महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था नहीं किए जाने जिले के बच्चों का नियमित वजन नहीं हो रहा। आंगनबाड़ी बंद रहने से बच्चों का टीकाकरण अभियान भी प्रभावित है। सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका संघ की जिला अध्यक्ष श्रुति शालिनी दिलावर ने बताया कि जिले भर के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का उन्हें समर्थन मिल रहा हैं। आंगनबाड़ी बंद होने से बच्चों को गर्म भोजन व रेडी टू ईट का वितरण नहीं हो रहा है।

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कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को कलेक्टर दर में मानदेय देने के अलावा सरकारी कर्मचारी घोषित करने की मांग शामिल हैं। सुपरवाइजर के रिक्त पद पर कार्यकर्ताओं की पदोन्नाति, कार्यकर्ताओं को प्राइमरी स्कूल के शिक्षक का दर्जा भी मांग में शामिल है। इसके मिनी आंगनबाड़ी के कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी के कार्यकर्ता के समान मानदेय देने की मांग की है।

कार्यकर्ताओं को प्राइमरी शिक्षक का दर्जा दिया जाए

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता खेमिन साहू, रंभा पवार ने बताया कि राज्य सरकार लगातार कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की मांगों को अनसुना कर रही है। चुनाव के पहले कांग्रेस ने हम कार्यकर्ताओं की मांग को पूरा करने वादा किया था। जिसे अब तक पूरा नहीं किया गया है। इसके अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्राइमरी टीचर का दर्जा देने का भी वादा किया गया था। लेकिन एक भी मांग पूरी नहीं की गई।

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