सरगबुंदिया रेलवे स्टेशन में जनविरोध के बावजूद रेलवे ने शुरू की कोल साइडिंग, PMGSY के प्रतिबंधित मार्ग पर दौड़ रहे रोड सेल के भारी वाहन, कोयला चोरी की भी चर्चाएं, जिम्मेदार विभाग मौन

0.प्रदूषण से क्षेत्रवासियों की जान सांसत में ,यात्री गाड़ी पकड़ने मालगाड़ी के नीचे से गुजरकर प्लेटफार्म पहुंच रहे यात्री ,बढ़ रहा जनाक्रोश”5 वर्ष पूर्व विरोध के बाद बंद हो गई थी कोल साईडिंग ,मनमानी पर उतरा रेलवे प्रशासन

कोरबा ,24 फरवरी । कोरबा रेलखंड के अंतर्गत आने वाले सरगबुंदिया रेलवे स्टेशन में करीब एक दशक बाद एक बार फिर जनभावनाओं के विपरीत शुरू हुई कोल साईडिंग को लेकर जनाक्रोश पनप रहा।कोल साइडिंग से न केवल रोड सेल के जरिए कोयला परिवहन के दौरान बड़े पैमाने पर कोयला चोरी की शिकायतें सामने आ रही वरन पीएमजीएसवाय के बरपाली -तुमान रोड सिंगल लेन मार्ग पर भारी वाहनों के परिचालन पर जिला प्रशासन द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद रोड सेल के भारी वाहन दौड़ रहे। जिम्मेदार विभागों परिवहन एवं पुलिस की मौन स्वीकृति से प्रदूषण की मार झेल रहे ग्रामीण जल्द ही जनआंदोलन को विवश होंगे।

यहाँ बताना होगा कि कोरबा रेलखंड के अंतर्गत आने वाले सरगबुंदिया रेलवे स्टेशन में करीब डेढ़ दशक पूर्व कोल साईडिंग शुरू की गई थी। करीब 5 साल तक साईडिंग संचालित रही। इस दौरान लोगों को नारकीय जिंदगी जीना पड़ रहा था। साईडिंग से उड़ने वाला कोल डस्ट साईडिंग से लगे गांव सलिहाभांठा,बरपाली ,पकरिया डोंगरीभांठा ,बंधवाभांठा प्रयत्क्ष रूप से प्रभावित थे। साथ ही अन्य गांव भी अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित थे। तत्कालीन जनपद अध्यक्ष ,जनपद सदस्य ,सरपंचों एवं ग्रामीणों के पुरजोर विरोध के बाद कोल साईडिंग को हटाने में कामयाबी मिली थी। तब ग्रामीणों ने राहत की सांस ली थी। लेकिन एक बार फिर रेलवे प्रशासन ने जनहित से परे जाकर रेलवे स्टेशन में अस्थाई कोल साईडिंग शुरू कर दी है। जिसको लेकर क्षेत्रवासियों में आक्रोश व्याप्त है। बताया जा रहा है कि रेलवे ने नागपुर के फर्म संदेश एंड ट्रेंडिंग कंपनी को कोल साइडिंग से कोयला अनलोड का कार्य दिया है। जहां से विभिन्न ट्रांसपोर्टरों के रोड सेल के वाहन विभिन्न संयत्रों तक कोयला परिवहन कर रहे।

सरगबुंदिया रेलवे स्टेशन बरपाली तुमान प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाय )सिंगल लेन मार्ग से लगा है । गत वर्ष ही करीब 3 करोड़ की लागत से विभाग ने इस मार्ग का कायाकल्प किया है। इस मार्ग पर तत्कालीन कलेक्टर मो.अब्दुल कैसर हक ने भारी वाहनों का परिचालन निषेध किया था। जानकारी अनुसार अभी तक नो एंट्री नहीं हटी है।बावजूद इसके बेधड़क रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक रोड सेल की 65 से 70 ट्रेलर मार्ग की धज्जियां उड़ाते दौड़ रही हैं। इस मार्ग पर जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक व एसबीआई की दो बैंक हैं । साथ ही जी पी कान्वेंट हाईस्कूल एवं धनीराम इंग्लिश मीडियम स्कूल भी संचालित है। यही नहीं मार्ग के दोनों छोर में व्यवसायिक प्रतिष्ठान संचालित हैं। रोड सेल के दर्जनों वाहन कभी कभी दिन में भी दौड़ते रहते हैं।

जिससे बैंक व स्कूल आने वाले किसानों एवं बच्चों में असुरक्षा का भय बना रहता है। हमने जब पीएमजीएसवाय के ई ई से इस मार्ग पर भारी वाहनों के परिचालन हेतु अनुमति देने संबंधी आदेश की जानकारी चाही तो उन्होंने भी स्पष्ट तौर पर कहा कि इस मार्ग पर भारी वाहनों का परिचालन प्रतिबंधित है। परिवहन विभाग को त्वरित इस दिशा में कार्रवाई करनी चाहिए । उन्होंने कलेक्टरj को वस्तुस्थिति से अवगत कराने की बात कही। हमने जिला परिवहन अधिकारी एवं उरगा थाना प्रभारी से उनका पक्ष लेने संपर्क किया ,कॉल रिसीव नहीं करने की वजह से उनका पक्ष नहीं आ सका। बहरहाल इन सब तथ्यों से स्पष्ट है कि सरगबुंदिया कोल साइडिंग से रोड सेल के वाहन प्रतिबंधित मार्ग पर यमराज की तरह दौड़ रहे,और जिम्मेदार विभागों की खामोशी से उनके कार्यशैली पर सवाल उठ रहे ।

जान जोखिम में डालकर पकड़ रहे यात्री गाड़ी

कोल साईडिंग खुलने की वजह से यात्रियों को जान जोखिम में डालकर कोल साईडिंग में खड़ी मालगाड़ी के नीचे से होकर प्लेटफार्म नम्बर 2 में यात्रीगाड़ी पकड़ने जाना पड़ रहा है। दरअसल यहाँ करोड़ों की लागत से यात्रियों की सुरक्षा व सुविधा के लिए बनाया गया एफओबी प्लेटफार्म नम्बर 2 तक ही है। कोल साईडिंग की रेक प्लेटफार्म नम्बर 2 के बाहर हैं। यही वजह है कि नवनिर्मित एफओबी सफेद हाथी साबित हो रहा है।

उपजाऊ भूमि हो जाएगी बंजर

कोल साईडिंग खुलने से क्षेत्र की उपजाऊ भूमि बंजर हो जाएगी। पूर्व में प्रभावित ग्रामों की खेतिहर भूमि कोल साईडिंग की भेंट चढ़ गई थी । क्षेत्र के किसानों को एक बार फिर उपजाऊ भूमि के बंजर होने का डर सता रहा है। किसानों की मानें जल्द ही कोल साईडिंग बन्द नहीं हुई तो वो कलेक्टोरेट कूच कर न्याय की गुहार लगाएंगे ।

कोयला चोरी की चर्चा ,क्या रेलवे के अफसरों का संरक्षण !

सरगबुंदिया कोल साइडिंग से रोड सेल के वाहनों के जरिए बड़े पैमाने पर प्रतिदिन लाखों रुपए के कोयला चोरी की चर्चाएं हैं।विश्वस्त सूत्रों की मानें तो रेलवे के एक प्रभावशील अधिकारी की मौन स्वीकृति से कोयला चोरी का कारोबार फल फूल रहा। यही वजह है कोयला चोरी की जानकारी होने के बावजूद रेलवे की कोयला चोरी रोकने कोई सख्त कार्रवाई नजर नहीं आई। बहरहाल वास्तविकता जो भी हो लेकिन दुर्घटना के भय के साथ शांत ,स्वच्छ फिजाओं में सांस लेने वाली क्षेत्र की भोली भाली जनता प्रदूषित फिजा में सांसे ले रही है। उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा।

जनप्रतिनिधियों की खामोशी ,क्या मौन स्वीकृति!

कोल साइडिंग के संचालन से लेकर कोयला चोरी एवं भारी वाहनों के प्रतिबंधित मार्ग पर परिचालन पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की खामोशी से उनके कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे। कांग्रेस सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत को क्षेत्र के ग्रामीणों की यह समस्या आज पर्यन्त नजर नहीं आई। सलिहाभांठा रामपुर विधायक ननकीराम कंवर का गृह ग्राम पंचायत है बावजूद इसके आज पर्यन्त उनके तरफ से इसको लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। जिला ,जनपद सदस्यों ने भी खामोशी की चादरें ओढ़ रखी है। उनकी यह खामोशी उनकी मौन स्वीकृति की ओर इशारा कर रही। निश्चित तौर पर इन तमाम जनप्रतिनिधियों से आसन्न विधानसभा लोकसभा एवं पंचायत चुनाव में क्षेत्र की ग्रामीण मतदाता इस खामोशी का जवाब मांगेगी।

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