रायपुर ,23 फरवरी । भारतीय रेल देश में परिवहन का सुगम, सुलभ एवं किफ़ायती साधन है। संरक्षा के साथ रेल परिचालन को सुनिश्चित करने रेलवे में मानवीय तथा अत्याधुनिक तकनीक का समावेश कर कार्य किया जाता है। इन्ही तकनीक में एक्सल काउंटर (धुरी गणक) का नाम भी शामिल है, जो कि संरक्षा के दृष्टिकोण से एक बेहद महत्त्वपूर्ण उपकरण है । एक्सल काउंटर एक ऐसा उपकरण है जो ट्रैक पर ट्रेनों की आवाजाही / मौजूदगी का पता लगाता है, चक्कों की गिनती कर आकलनकर्ता तक पहुँचाता है । जैसे ही ट्रेन सेक्शन के अंत के काउंटिंग हेड से गुजरती है तो एक्सल काउंटर (धुरी गणक) का आकलनकर्ता सेक्शन के अंतिम और शुरुआती गणनाओं की तुलना करता है, यदि दोनों गणनाएँ समान हैं, तो दूसरी ट्रेन या आगामी ट्रेन के लिए सेक्शन (ट्रैक) खाली माना जाता है ।
उपरोक्त गणना एवम उनकी तुलना कंप्यूटरों द्वारा संचालित होती है जो ट्रैक के पास अथवा स्टेशन रिले रूम मे लगे रहते हैं। साथ ही यह दूरसंचार संचरण प्रणाली के माध्यम से स्टेशन पैनल से संपर्क साधे रखता है और कोई गड़बड़ी होने पर इसकी सूचना तत्काल स्टेशन पैनल को जाती है। ऑटोमैटिक सिग्नलिंग प्रणाली में एक्सल काउंटर का कार्य काफी महत्वपूर्ण है । एक ट्रेन के पहिये की गिनती कर इसके सेक्शन से गुजरने की त्वरित जानकारी ऑटोमैटिक सिग्नलिंग प्रणाली को पहुंचाकर यह समयबद्ध ट्रेन परिचालन में भूमिका निभाती है । साथ ही ट्रेनों के दो पार्ट होने या फिर एक ही सेक्शन में दो ट्रेनों की उपस्थिती को भी सूचित कर यह संरक्षा को सुनिश्चित करती है । दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में सिग्नल एवं दूरसंचार विभाग द्वारा कुल 1778 एक्सल काउंटर (धुरी गणक) स्थापित किए गए हैं, जो कि रेल लाइनों पर गुजरने वाली प्रत्येक ट्रेनों के एक – एक एक्सल (धुरी) की गिनती कर रेल यात्रियों की संरक्षित यात्रा को सुनिश्चित करता है ।
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