गोधन न्याय योजना से पशुपालकों को मिल रहा लाभ

राजनांदगांव ,23 फरवरी  छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के तहत संचालित गौठानों में गोबर क्रय, वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन एवं बिक्री तथा आजीविका से संबंधित गतिविधियां संचालित की जा रही है। जिसके तहत ग्रामीण एवं शहरी पशुपालकों की अर्थव्यवस्था के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान मिल रहा है।

गोधन न्याय योजना ग्रामीण एवं शहरी पशुपालकों की आय और रोजगार का प्रभावी विकल्प बन गई है। जिले में बहुतायत की संख्या में किसानों द्वारा पशुपालन का व्यवसाय किया जाता है। गाय एवं भैंस वंशीय पशुओं के गोबर की व्यवस्थित ढंग से उपयोग नहीं होने, वैज्ञानिक पद्धति से ऑर्गेनिक खाद का उत्पादन नहीं करने एवं खुले पशुओं द्वारा उत्सर्जित गोबर को एकत्र नहीं करने के कारण किसानों को इसका लाभ नहीं मिल रहा था।

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अब गोधन न्याय योजना से गोबर से निर्मित वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट जैसे ऑर्गेनिक खाद से किसानों के खेतों में जैविक खेती की दिशा में उत्कृष्ट  पहल की जा रही है। रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों का उपयोग कम होने से भूूमि, जल, वायु, पर्यावरण के प्रदूषण को कम करके भोज्य में रासायनों के अवशेष को कम किया जा रहा है। जिससे खाद्य पदार्थों के गुणवत्ता में सुधार होने क पूर्ण संभावना है।

कलेक्टर डोमन सिंह के मार्गदर्शन में गोधन न्याय योजना के सुचारू रूप से संचालन  के लिए निरंतर किसान प्रशिक्षण, संगोष्ठी, किसान मेला का आयोजन किया जा रहा है। जिले के गौठानों में 1 से 15 फरवरी 2023 तक पिछले पखवाड़े में 407 गौठानों में 11970.66 क्विंटल गोबर क्रय कर किसानों के खाते में 23 लाख 94 हजार 132 रूपए अंतरित की गई है। जिससे 3 हजार 531 गोबर विक्रेता लाभान्वित हुए हैं। इसमें से 255 नवीन गौठानों की गोबर क्रय की 12 लाख 50 हजार 570 रूपए एवं 152 स्वावलंबी गौठानों में 11 लाख 43 हजार 562 रूपए का भुगतान स्वावलंबी गौठानों के बैंक खातों में उपलब्ध राशि में से किया गया है।

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