रायपुर,22 फरवरी । कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू के साथी गैंगस्टर मयंक सिंह के 3 अंतर्राज्यीय शुटर को गिरफ्तार किया गया है. जानकारी के मुताबिक प्रार्थी अरविंद कुमार तिवारी ने थाना सिविल लाईन में रिपोर्ट दर्ज कराया कि वह ग्राम पौवा जिला जौनपुर उत्तर प्रदेश का निवासी है तथा वर्तमान में रायपुर में शंकर नगर एम.आई.जी 07 सेक्टर 02 स्थित आर.के.टी.सी कम्पनी में सुरक्षा गार्ड का काम करता है। प्रार्थी 11 फरवरी को शाम करीबन 7 बजे अपने अन्य 03 साथियों के साथ ड्यूटी में कम्पनी के गेट के पास बैठा था, इसी दौरान शंकर नगर स्थित रंजना सोनोग्राफी सेंटर के तरफ से दोपहिया वाहन क्र सी जी 04 ए जे 0614 सवार दो अज्ञात व्यक्ति प्रार्थी के कम्पनी के आगे तरफ गये, फिर पुनः कम्पनी के तरफ वापस आकर गेट पर बैठे प्रार्थी तथा उसके साथियों पर हत्या करने की नियत से पिस्टल से गोली फायर कर फरार हो गये थे। जिस पर दोपहिया वाहन सवार अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध थाना सिविल लाईन में अपराध क्रमांक 97/2023 धारा 307, 34 भादवि. 25, 27 आर्म्स एक्ट का अपराध पंजीबद्ध किया गया।
जिस पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट तथा थाना सिविल लाईन पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा घटना के संबंध में प्रार्थी, उसके अन्य साथी तथा आस-पास के लोगों से विस्तृत पूछताछ कर घटना में संलिप्त अज्ञात अरोपियों की पतासाजी करना प्रारंभ किया गया। टीम के सदस्यों द्वारा घटना स्थ्ल का निरीक्षण करने के साथ-साथ उसके तथा आस-पास लगे सी.सी.टी.व्ही. कैमरों का अवलोकन करने के साथ ही आरोपियों द्वारा घटना को अंजाम देने हेतु उपयोग किये गये दोपहिया वाहन के संबंध में भी जानकारी एकत्रित कर अज्ञात आरोपियों की पहचान सुनिश्चित करने के प्रयास किये जा रहे थे।
इसी दौरान सी.सी.टी.व्ही. कैमरों के फुटेजों के एवं घटना स्थल के आस-पास क्षेत्रों पर बारिकी से निरीक्षण व सर्चिंग पर एक लावारिस दोपहिया वाहन क्र सी जी 04 ए जे 0614 पण्डरी स्थित मण्डी गेट के पास लावारिस हालत में प्राप्त हुई साथ ही उसमें अज्ञात आरोपियों द्वारा वारदात के समय लगाये गये हेलमेट व जैकेट भी बरामद हुआ जिस आधार पर ज्ञात हुआ कि उक्त दोपहिया वाहन आरोपियों द्वारा घटना को अंजाम देने हेतु उपयोग किया गया था तथा घटना पश्चात् दोपहिया वाहन के पहचान होने के भय से दोपहिया वाहन को उक्त स्थल पर छोड़कर फरार हो गये थे। उक्त दोपहिया वाहन के संबंध में जानकारी प्राप्त करने पर फर्जी नम्बर प्लेट लगाकर चोरी का वाहन होना ज्ञात हुआ।
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