बाड़मेर,22 फरवरी । बाड़मेर रिफाइनरी ज्वेल ऑफ द डेजर्ट (रेगिस्तान का नगीना) साबित होगी, जो राजस्थान के लोगों के लिए रोजगार, अवसर और खुशी लाएगी। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एचपीसीएल में मीडिया को संबोधित करते हुए राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड (एचआरआरएल) परिसर में यह बात कही। केंद्रीय मंत्री ने दोहराया कि परियोजना की परिकल्पना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया दृष्टिकोण के अनुसार की गई है। राजस्थान के बाड़मेर में ग्रीनफील्ड रिफाइनरी सह पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स की स्थापना हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) और राजस्थान सरकार (जीओआर) की एक संयुक्त उद्यम कंपनी एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड (एचआरआरएल) द्वारा की जा रही है, जिसमें क्रमशः 74 प्रतिशत और 26 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।
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श्री पुरी ने कहा कि यह परियोजना पेट्रोकेमिकल्स के आयात प्रतिस्थापन के मामले में भारत को आत्मनिर्भर बनाएगी। वर्तमान आयात 95000 करोड़ रुपये का है, यह पोस्ट कमीशन आयात बिल को 26000 करोड़ रुपये तक कम कर देगा। रोजगार सृजन और बुनियादी ढांचे के विकास के मामले में परियोजना के सामाजिक-आर्थिक लाभों को रेखांकित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस परियोजना ने परिसर में और उसके आसपास लगभग 35,000 श्रमिकों को काम पर लगाया है। इसके अलावा, लगभग 1,00,000 कर्मचारी अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं।