मुंबई,19 फरवरी । Nargis Fakhri on Shiv Shastri Balboa: हिंदी सिनेमा से करीब दो साल दूर रहने के बाद नरगिस फाखरी ने हालिया प्रदर्शित ‘शिव शास्त्री बाल्बोआ’ से वापसी की है। नरगिस के अनुसार अब दर्शकों को उनके नए रंग-रूप देखने को मिलेंगे। दीपेश पांडेय के साथ बातचीत के अंश….
फिल्म इंडस्ट्री से ब्रेक लेने का क्या कारण रहा?
कोरोना महामारी फैलने से ठीक पहले मैं भारत आने वाली थी, लेकिन अचानक चीजें बदल गईं। जिससे मुझे भारत और सिनेमा से कुछ ज्यादा समय तक दूर रहना पड़ा। अब मैं वापस आ गई हूं।
अब किन रणनीतियों के तहत काम करने की योजना है?
मुझे लगता है कि यह मेरा नया अवतार है। मैं अपनी चीजों को पीछे छोड़कर नई लड़की बन गई हूं। मैं इस बात को लेकर भी उत्साहित हूं कि इंडस्ट्री भी अब बदल चुकी है। मैं अलग तरह की भूमिकाओं में खुद को आजमाने के लिए वेब सीरीज करना चाहती हूं।
दो पीढ़ियों की सोच के अंतर के बारे में आपकी क्या राय है?
मैं अमेरिका में पैदा हुई हूं, तो इससे खुद को पूरी तरह से जोड़कर देख पाती हूं। भारत में मुझे रहते हुए एक दशक से ज्यादा का समय हो गया है, यहां मैंने पीढ़ियों और सांस्कृतिक अंतर को समझा। हां, बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी उनके अनुसार थोड़ा सामंजस्य बिठाना पड़ता है।
आप हिंदी के अलावा किस कौशल के विकास पर काम कर रही हैं?
मैं अपने हर कौशल को निखारते रहना चाहती हूं। वजन कम करने के अलावा मैं डांस और मार्शल आर्ट को भी लगातार पालिश करते रहना चाहती हूं। रही बात हिंदी भाषा की तो मैं ज्यादा लोगों के सामने हिंदी नहीं बोलती, मैं नर्वस हो जाती हूं। मैं इन चीजों का लगातार अभ्यास करते रहना चाहती हूं।
कब कार्यशैली में बदलाव की आवश्यकता महसूस हुई?
‘राकस्टार’ के समय मैं बस ऐसी सरल हृदय लड़की थी, जो पेड़ों और चििड़यों को देखकर मुस्कुराती थी। फिर लगा कि अब गंभीर होने की आवश्यकता है। एक्टिंग सिर्फ शौक नहीं, नौकरी और व्यापार भी है। तो इसके व्यावसायिक पहलू को भी सीखना पड़ा।
कभी ऐसा लगा कि और ज्यादा प्रोजेक्ट करने चाहिए थे?
मैं इस बात से सहमत हूं। इस साल के अंत तक या अगले साल की शुरुआत तक मेरे प्रोजेक्ट्स की संख्या बढ़ेगी। इस साल मैं ज्यादा संख्या और गुणवत्ता वाले प्रोजेक्ट्स करूंगी।
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