हरियाणा में स्थापित होगा उत्तर भारत का पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र : जितेंद्र सिंह

नई दिल्ली ,19 फरवरी  केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि उत्तर भारत का पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गोरखपुर गांव में स्थापित किया जाएगा। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार को दिल्ली में इसकी घोषणा की।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन के दौरान देश के अन्य हिस्सों में परमाणु/परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना प्रमुख उपलब्धियों में से एक होगी। परमाणु ऊर्जा विभाग के एक बयान के अनुसार, परमाणु ऊर्जा संयंत्र पहले देश के तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों या महाराष्ट्र तक ही सीमित थे।

मोदी सरकार ने दी 10 परमाणु रिएक्टरों की स्थापना को मंजूरी
जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह भारत की परमाणु क्षमता बढ़ाने की प्राथमिकता के अनुरूप है। पिछले आठ सालों में कई क्रांतिकारी फैसले लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि 10 परमाणु रिएक्टरों की स्थापना के लिए मोदी सरकार द्वारा बड़ी संख्या में मंजूरी दी गई है।

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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि परमाणु ऊर्जा विभाग को परमाणु ऊर्जा संयंत्र खोलने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के साथ संयुक्त उद्यम बनाने की भी अनुमति दी गई है। जो एक आगामी और आशाजनक क्षेत्र है और आने वाले समय में भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की क्षमता रखता है।
700 मेगावाट क्षमता की दो इकाइयां होंगी

परमाणु ऊर्जा विभाग की ओर से जारी बयान के अनुसार, गोरखपुर हरियाणा अनु विद्युत परियोजना (जीएचएवीपी) में 700 मेगावाट क्षमता की दो इकाइयां होंगी। अब तक कुल 20,594 करोड़ रुपये की राशि से 4,906 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। बयान में कहा गया है कि अभी तक कुल वित्तीय प्रगति 23.8 प्रतिशत है। विभाग ने बयान में कहा कि अन्य मुख्य संयंत्र भवनों या संरचनाओं का निर्माण, जैसे फायर वाटर पंप हाउस (एफडब्ल्यूपीएच), सुरक्षा-संबंधित पंप हाउस (एसआरपीएच), ईंधन तेल भंडारण क्षेत्र, वेंटिलेशन स्टैक, ओवरहेड टैंक (ओएचटी), स्विचयार्ड कंट्रोल बिल्डिंग और अन्य का निर्माण अच्छी तरह से चल रहा है।