कोरबा ,17 फरवरी । हसदेव नदी भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में बहने वाली एक नदी है। यह महानदी की एक प्रमुख सहायक नदी है तथा कोरबा के कोयला क्षेत्र में तथा चम्पा मैदान में प्रवाहित होने वाली प्रमुख नदी है। यह नदी कोरिया ज़िले की कैमूर पहाड़ियों से निकलकर कोरबा, बिलासपुर जिलों में बहती हुई महानदी में मिल जाती है। इस नदी से हजारों किसान अपने खेतों की सिंचाई के लिए नदी पर आश्रित हैं साथ ही बड़ी संख्या में मछली होने की वजह से बड़े पैमाने में जाल बिछा कर मछली भी पकड़ा जाता हैं जो कभी कभी दूसरो जीव जन्तु के लिए आफ़त भी बन जाता हैं ऐसा ही कुछ हुआ हसदेव दर्री डैम से निकले नहर में एक विशाल काय 8 फीट का अजगर मछली पकड़ने वाले जाल में बुरी तरह फस कर एक किनारे आकार रुक गया तभी रूमगरा से नहाने आए कुछ लोगों की नज़र आचनक से उस पर पड़ी तो डर से नहर में ही नहीं उतरे जिसके बाद लोगों ने इसकी जानकारी स्नेक रेस्क्यू टीम प्रमुख वन विभाग सदस्य जितेन्द्र सारथी को दिया जिस पर थोड़ी देर में पहुंचने की बात कहीं तब तक उसको देखते रहने को कहा फिर कुछ देर बाद जितेन्द्र सारथी पहुंचे और नहर से बाहर निकाला और लोगों की मदद से और ब्लेड से मछली जाल को काटा गया जिसके बाद आखिरकार अजगर आज़ाद हुआ और फिर वन विभाग उच्च अधिकारी जानकारी के पश्चात जंगल में छोड़ दिया गया जिस पर लोगों के राहत भरी सास ली साथ ही जितेन्द्र सारथी के कार्य की सराहना करते हुए उनका धन्यवाद ज्ञापित किया साथ ही जितेन्द्र सारथी ने बताया कई बार बीहड़ क्षेत्रो में होने की वजह से 8817534455 नंबर नहीं लग पाता इसलिए दोनों नंबर आम जनों के लिए उपलब्ध कराया है ताकि सूचना मिलते ही मौके स्थल पर हमारे टीम मेंबर्स को भेजा जा सकें।
हेल्प लाइन नंबर 8817534455,7999622151
जितेन्द्र सारथी ने इस रेस्क्यू के लिए विशेष रूप से समस्त प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया को धन्यवाद दिया है, आम जनों तक हमारा हेल्पलाइन नंबर को प्रकाशित करने की कारण लोग हमें सूचना देने में सफल होते हैं, यह रेस्क्यू काल पहले मुकेश भारती जी को गया जिसके बाद उन्होंने तत्काल कॉलर को हमारा नंबर उपलब्ध कराया जिसके करण हम उस अजगर को बचा पाने में सफल हुए।
[metaslider id="347522"]