470 नहीं बल्कि 840 विमान खरीदेगा Air India, संचालित करने के लिए 6,500 से ज्यादा पायलटों की होगी जरूरत

एयर इंडिया को आने वाले सालों में एयरबस और बोइंग से खरीदे जा रहे विमानों को संचालित करने के लिए 6,500 से अधिक पायलटों की जरूरत होगी। एयरलाइन ने अपने बेड़े के साथ ही संचालन का विस्तार करने के लिए कुल 840 विमानों के लिए ऑर्डर दिया है। इसमें 370 विमानों को खरीदने का विकल्प शामिल है। यह किसी भी एयरलाइन द्वारा दिया गया सबसे बड़ा विमान ऑर्डर है। इस समय एयर इंडिया के पास अपने 113 विमानों के बेड़े को संचालित करने के लिए लगभग 1,600 पायलट हैं। हाल के दिनों में चालक दल की कमी के कारण उड़ानें रद्द या विलंबित होने की खबरें सामने आई हैं।

एयरलाइन की दो सहायक कंपनियों – एयर इंडिया एक्सप्रेस और एयर एशिया इंडिया- के पास अपने 54 विमानों को उड़ाने के लिए लगभग 850 पायलट हैं। दूसरी ओर संयुक्त उद्यम विस्तारा में 53 विमानों के लिए 600 से अधिक पायलट हैं। एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस, विस्तारा और एयरएशिया इंडिया के पास कुल मिलाकर 220 विमानों के संयुक्त बेड़े को संचालित करने के लिए 3,000 से अधिक पायलट हैं। हाल में एयरबस को दिए गए ऑर्डर में 210 की संख्या में A320/321 Neo/XLR विमान और 40 की संख्या में A350-900/1000 विमान शामिल हैं। बोइंग को दिए गए ऑर्डर में 190 की संख्या में 737-मैक्स विमान, 20 की संख्या में 787 विमान और 10 की संख्या में 777 विमान शामिल हैं।

जानकार सूत्रों ने कहा, ”एयर इंडिया A350 को मुख्य रूप से अपने लंबी दूरी के मार्गों या 16 घंटे से अधिक समय तक चलने वाली उड़ानों के लिए ले रही है। एयरलाइन को प्रति विमान 30 पायलटों (15 कमांडरों और 15 प्रथम अधिकारियों) की जरूरत होगी। इसका अर्थ है कि सिर्फ A350 के लिए लगभग 1,200 पायलट की जरूरत होगी।” सूत्रों के अनुसार एक बोइंग 777 के लिए 26 पायलटों की आवश्यकता होती है। यदि एयरलाइन ऐसे 10 विमानों को शामिल करती है, तो उसे 260 पायलटों की जरूरत होगी। इसी तरह 20 बोइंग 787 के लिए लगभग 400 पायलटों की जरूरत होगी।

सूत्रों ने कहा कि कुल मिलाकर 30 बड़े आकार के बोइंग विमानों को शामिल करने के लिए कुल 660 पायलटों की जरूरत होगी। इसी तरह संकरे आकार के विमान के लिए औसतन 12 पायलटों की आवश्यकता होती है। बेड़े में ऐसे 400 विमानों को शामिल करने पर कम से कम 4,800 पायलटों की जरूरत होगी। एयर इंडिया के पूर्व वाणिज्यिक निदेशक पंकज श्रीवास्तव के मुताबिक कमर्शियल पायलट लाइसेंस (सीपीएल) धारकों को टाइप रेटिंग दिलाने के लिए पर्याप्त अवसर सृजित करने होंगे। टाइप रेटिंग एक विशेष प्रशिक्षण है, जो किसी पायलट को एक विशेष प्रकार के विमान को संचालित करने के योग्य बनाता है।

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