Raipur News : पैर की हड्डी के कैंसर का एम्स में सफल उपचार

रायपुर,17 फरवरी  अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के हड्डी रोग विशेषज्ञों की एक टीम ने कैंसर की एक गंभीर महिला रोगी की टैलस बोन (एड़ी) का ऑपरेशन कर न सिर्फ हड्डी के कैंसर को समाप्त किया बल्कि थ्री-डी प्रिटिंग की मदद से कृत्रिम हड्डी लगाकर महिला को एक बार पुनः दैनिक कार्यों के लिए स्वस्थ बना दिया। नई तकनीक की मदद से इस प्रकार के कैंसर का उपचार और हड्डी के स्थान पर कृत्रिम हड्डी का प्रयोग अब रोगियों को उम्मीद की एक नई किरण दे सकेगा।

कोरबा की रहने वाली एक 32 वर्षीय महिला ने पिछले दिनों बाएं पैर की टैलस बोन (एड़ी) में दर्द और सूजन होने पर एम्स के हड्डी रोग विभाग के चिकित्सकों से परामर्श लिया। पूर्व में निजी चिकित्सकों ने उन्हें ऑपरेशन कर पैर कटवाने की सलाह दी थी परंतु एम्स के चिकित्सकों ने एक कठिन शल्य चिकित्सा का निर्णय लिया।

इसमें कैंसर से प्रभावित हड्डी को ऑपरेशन से पृथक कर उसके स्थान पर दिल्ली में थ्री-डी प्रिटिंग से निर्मित हड्डी प्रतिस्थापित करने का निर्णय लिया गया। चिकित्सकों ने दाएं पैर की समान हड्डी की मिरर इमेज बनाई और इसी आधार पर दूसरे पैर की कृत्रिम हड्डी बनवाई। एक घंटे तक चला यह ऑपरेशन सफल रहा और अब महिला को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। महिला पुनः अपने पैरों पर नियमित रूप से चल पा रही है।

निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने प्रो. अग्रवाल और उनकी टीम में शामिल चिकित्सकों डॉ. आलोक राय, डॉ. अर्केश और डॉ. अंकित कुमार गर्ग को इस सफलता के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि नई तकनीक की मदद से मध्य भारत में इस दुर्लभ शल्य चिकित्सा से गंभीर रोगियों को नई राहत मिल सकेगी। प्रो. अग्रवाल ने कहा है कि थ्री-डी प्रिटिंग की मदद से हड्डियों की शल्य चिकित्सा को एक नया आयाम मिल सकेगा।रोगी को इस ऑपरेशन में सिर्फ इंप्लांट की लागत देने पड़ी। शेष शल्य चिकित्सा निःशुल्क की गई।