नई दिल्ली,15 फरवरी । भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की वर्चुअल उपस्थिति के दौरान टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया ने एयरबस के साथ 250 विमान खरीद समझौता किया है। वहीं एअर इंडिया अमेरिका की विमान निर्माता कंपनी बोइंग से 220 विमान भी खरीदेगी। इसमें छोटी और बड़ी दोनों प्रकार की बॉडी के विमान शामिल हैं।
इस अवसर पर टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा, ‘एयरबस के साथ 250 विमानों की खरीद का समझौता किया गया है। इसमें 40 चौड़े बॉडी वाले विमान होंगे जबकि 210 छोटी बॉडी वाले विमान होंगे। यह भारत में किसी विमानन कंपनी की तरफ से सबसे ज्यादा विमानों की खरीद का समझौता है।
इसके पहल एअर इंडिया ने वर्ष 2005 में 111 विमानों की खरीदने का समझौता किया था। तब एयरबस से 43 और अमेरिकी कंपनी बोइंग से 68 विमान खरीदे गए थे। एयरबस के सीइओ गुइलाउमे फौरी ने कहा कि एअर इंडिया के साथ उनका समझौता वैश्विक ग्लोबल एविएशन सेक्टर पर दीर्घकालिक असर डालेगा। उनकी कंपनी भारत को एक वैश्विक हब के तौर पर चिह्नित कर चुकी है।
भारत का उड्डयन सेक्टर पूरी दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ता हुआ उद्योग है। यहां संभावनाओं को देखकर ही एयरबस ने बेंगलुरू में एक बड़ा इंजीनिरिंग सेंटर स्थापित किया है। एयरबस की फ्रांस और जर्मनी स्थित हेलीकाप्टर निर्माण प्लांट में भारत निर्मित उपकरणों का बहुतायत में इस्तेमाल होगा। वहीं बोइंग से 190 बी737 मैक्स, 20 बी787 और 10 बी777एक्स विमान खरीदे जाएंगे। इस सौदे का कुल मूल्य 34 अरब डालर है।
विमानों की संख्या के लिहाज से दूसरा सबसे बड़ा आर्डर
समझौते के तहत भविष्य में बोइंग से 50 बोइंग 737 मैक्स और 20 बोइंग 787 विमान खरीदने का विकल्प भी शामिल है। इस प्रकार यह पूरा सौदा 45.9 अरब डालर का हो जाएगा। डालर के लिहाज से बोइंग के लिए यह तीसरा सबसे बड़ा और विमानों की संख्या के लिहाज से अब तक दूसरा सबसे बड़ा आर्डर है।
भारत बनेगा दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उड्डयन बाजार: मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत जल्द ही दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उड्डयन बाजार बनने जा रहा है। उन्होंने उड्डयन क्षेत्र में दुनिया की कंपनियों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया। एअर इंडिया और एयरबस के बीच हुए समझौते पर बोलते हुए मोदी ने कहा, यह समझौता भारत-फ्रांस के गहराते संबंधों के साथ ही भारत की नागरिक उड्डयन सेक्टर की सफलताओं को बताता है। भारत सरकार नागरिक उड्डयन सेक्टर को मजबूत करने पर खास ध्यान दे रही है।
आर्थिक और समाजिक विकास को बढ़ावा मिल रहा : मोदी
पिछले आठ वर्षों में भारत में हवाई अड्डों की संख्या 74 से बढ़कर 147 हो गई है। इससे लोगों के आर्थिक और समाजिक विकास को बढ़ावा मिल रहा है। पीएम ने कहा, कई आकलनों के मुताबिक अगले 15 वर्षों में भारत को दो हजार विमानों की जरूरत होगी। भारत में ‘मेक इन इंडिया-मेक फार द वर्ल्ड’ एयरोस्पेस मैन्यूफैक्चरिंग को लेकर अवसरों के नए द्वार खुल रहे हैं।
उन्होंने एअर इंडिया और एयरबस समझौते को भारत-फ्रांस की रणनीतिक साझेदारी की भी उपलब्धि बताई। उन्होंने यह भी बताया कि फ्रांस की एक और कंपनी साफरान विमानों के इंजन की सर्विस के लिए भारत में सुविधा स्थापित कर रही है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी इस समझौते को ऐतिहासिक करार देते हुए इसे भारत-फ्रांस के रणनीतिक रिश्तों के और मजबूत होने का परिचायक बताया।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने की समझोते की सराहना
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, ‘मुझे एअर इंडिया और बोइंग के बीच अमेरिका में निर्मित 200 विमानों के खरीद समझौते की घोषणा करते हुए बेहद खुशी हो रही है। यह समझौता भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी की मजबूती को दर्शाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मैं अपनी साझोदारी को और भी गहरा करने की आशा करता हूं क्योंकि हम आगे भी साझा वैश्विक चुनौतियों का सामना जारी रखेंगे। हमें अपने सभी नागरिकों के लिए अधिक सुरक्षित और समृद्ध भविष्य बनाना है।’
ब्रिटेन को भी मिलेगा लाभ : सुनक
इस समझौते का यूके के राष्ट्रपति ऋषि सुनक ने भी स्वागत किया है। वजह यह है कि एयरबस की तरफ से निर्मित इन विमानों का इंजन ब्रिटिश कंपनी रोल्स-रॉयस बनाएगी। सुनक ने कहा है कि एअर इंडिया को जो विमाने दिए जाएंगे, उसके कई अहम हिस्सों का निर्माण ब्रिटेन में होगा। खासतौर पर इससे वेल्स और डर्बीशायर में काफी नौकरियां पैदा होंगी। इससे ब्रिटेन का निर्यात भी बढ़ेगा। रोजगार के मुद्दे पर विपक्ष के निशाने पर आए सुनक एअर इंडिया, एयरबस और राल्स-रायस के समझौते को अपनी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर गिना रहे हैं।
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