डीएमएफ से 9 करोड़ 11 लाख की लागत से स्वीकृत भवन में चल रहा आंतरिक कार्य, कामकाजी महिलाओं को कब मिलेगा लाभ
कोरबा, 12 फरवरी। जिले के निजी व सरकारी संस्थानों में कार्यरत महिलाओं को शहर में किराए पर हास्टल सुविधा मुहैया कराने के लिए सुभाष चौक के निकट फल उद्यान के पीछे जिला खनिज संस्थान न्यास मद से 9.11 करोड़ की लागत से तैयार किया गया वर्किंग वूमेन हॉस्टल भवन का 4 साल बाद भी संचालन शुरू नहीं हो सका। नगर निगम द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग को भवन हैंडओवर किए जाने की बात कही जा रही है लेकिन अभी भी भवन में आवश्यक कमियां दुरुस्त नहीं हो पाई हैं। जिसकी वजह से संचालन शुरू होने का इंतजार खत्म नहीं हो रहा।
जिले में बढ़ते औद्योगिकीकरण के लिहाज से महानगरीय तर्ज पर कामकामी महिलाओं के लिए आवसीय हास्टल की सुविधा महसूस की जा रही थी । जिसे देखते हुए
तत्कालीन कलेक्टर किरण कौशल के कार्यकाल में जिला खनिज संस्थान न्यास मद से वित्तीय वर्ष 2018 -19 में कामकाजी महिला छात्रावास भवन (वर्किंग वूमेन हॉस्टल) निर्माण की स्वीकृति दी गई थी। सुभाष चौक के निकट फल उद्यान के पीछे स्थित भू -भाग में भवन तैयार करने क्रियान्वयन एजेंसी नगर पालिक निगम कोरबा के अनुबंधित फर्म मेसर्स विजय कुमार अग्रवाल को 9 करोड़ 11 लाख 12 हजार रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। लेकिन हैरान करने वाली बात है कि 4 साल बाद भी ऑन रिकार्ड भी यह भवन पूर्ण नहीं हो सका। जिसका प्रमाण बाहर लगाए गए साइन बोर्ड है। जिसमें कार्य पूर्णता दिनांक -का कॉलम तारीख का इंतजार कर रहा। नगर निगम द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग को भवन हैंडओवर किए जाने की बात कही जा रही है,वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की मानें तो निरीक्षण के बाद हास्टल कैंपस में बचे छोटे-मोटे कामों को भी जल्द पूरा करने के निर्देश के साथ साफ सफाई कराई जा रही है।
चार मंजिला हास्टल भवन में 95 आवासीय कमरों सहित हर मंजिल पर किचन और डाइनिंग हाल
चार मंजिला हास्टल भवन में 95 आवासीय कमरों सहित हर मंजिल पर किचन और डाइनिंग हाल बनाए गए हैं। हास्टल कैम्पस में प्ले ग्राउंड, गार्डन आदि की भी व्यवस्था है। हास्टल के कमरों को केवल कामकाजी महिलाओं को ही किराए पर दिया जाएगा। जिले के औद्योगिक संस्थानों के अलावा शासकीय कार्यालयों में कार्यरत महिलाओं लंबी दूरी आवागमन करने वाली महिलाओं को समस्या से निजात मिलेगी। जिला खनिज न्यास मद से भवन का निर्माण महिलाओं की सुविधा को देखते हुए किया गया है। भवन निर्माण के बाद फलोद्यान की कायाकल्प होने की संभावना बढ़ गई है। वर्तमान में उद्यान के चारो ओर गंदगी बढ़ गई है।
35 हजार मासिक वेतन होना जरूरी
जानकारी अनुसार इस हास्टल में कमरा किराए पर प्राप्त करने के लिए कामकाजी महिला की मासिक आय 35 हजार रूपये तक निर्धारित की गई है। हास्टल में किराए पर कमरा लेने के लिए लगभग प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई है । हास्टल संचालन के लिए कलेक्टर के मार्गदर्शन पर गठित समिति ही किराए का निर्धारण करेगी। किराए में बिजली पानी का भी दर समिति से ही तय होगा।
केवल इन महिलाओं को ही मिलेगी सुविधा
हास्टल में शहर में शासकीय या निजी संस्थानों में काम करने वाली एकाकी महिलाओं, विधवाओं, तलाकशुदा महिलाओं, परित्यकताओं या विवाह के बाद भी विभिन्ना पारिवारिक और रोजगार संबंधी कारणों से पति से दूर रह रहीं महिलाओं को ही रखा जाएगा। हास्टल महिलाओं के लिए पूर्णतः सुरक्षित होगी। उन्होंने बताया कि किसी संस्थान में रोजगार के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर रही महिलाओं को भी इस हास्टल में किराए पर कमरा मिलेगा। महिलाएं हास्टल में अपने साथ अपनी 18 वर्ष तक की बेटी और पांच वर्ष तक के बेटे को भी रख सकेंगी।
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