KORBA : खाद्य विभाग के संरक्षण में मिलावटी कारोबार जारी-सिन्हा

कोरबा ,12 फरवरी । सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिन्हा ने जारी एक बयान में बताया कि आम आदमी की रहन-सहन व स्वस्थ रहने के लिए खाद्य विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है,लेकिन कोरबा जिले में खाद्य विभाग द्वारा लाखों लोगों के सेहत तथा अनैतिक कार्य करने वालों को राहत पहुंचा कर मालामाल हो रही है जो चिंता का विषय है। सिन्हा ने आगे बताया कि कोरबा जिले में खाद्य सामग्री में मिलावटखोरों द्वारा वर्षों से मिलावटी कारोबार का धंधा फल-फूल रहा है। उदाहरण के तौर पर खाद्य सामग्रियों में दूध,दही,खोवा,पनीर,मिठाई, दलहन तिलहन,आटा,चावल सहित प्रायः खाद्य सामग्रियों में मिलावटी कारोबार के चलते आम लोगों का स्वास्थ्य दिनोंदिन गिर रही है। एक ओर खाद्य सामग्री में मिलावट दूसरी ओर धूल डस्ट आदि से हर व्यक्ति का स्वास्थ्य में गिरावट आ रही है जिस पर संबंधित विभाग द्वारा अपनी झोली भरने के अलावा सुधार या कार्रवाई करना केवल खानापूर्ति समझते रहे हैं।


सिन्हा ने आगे बताया कि खाद्य विभाग द्वारा शासकीय शक्कर, चन्ना,चावल के मुख्य गोदामों से सहकारी समिति के सेल्समैन द्वारा उठाव के समय चना घटिया यानी यह कहा जाए कि खाने योग्य नहीं है,की आपूर्ति वर्षों से चल रही है। शक्कर प्रति क्विंटल से 5 से 10 केजी कम मात्रा में दी जाती है अच्छे चावल के स्थान पर घटिया चावल कंकड़,धान टूटा हुआ चावल की आपूर्ति की जाती है। शासकीय दुकानदारों का कहना है कि मैं विरोध नहीं कर सकता भंडारण कर्ता द्वारा ऊपर पैसा दी जाती है इसलिए मुझे कॉल में कम तथा घटिया खाद्य की आपूर्ति की जाती है जो हम गरीबों तक पहुंचा रहे हैं। हम तो केवल एक माध्यम है, हमारे द्वारा मिलावटी कारोबार नहीं की जा रही है।


सिन्हा ने आगे बताया कि सप्ताहिकी बाजारों में शासकीय चावल की खरीद बिक्री वर्षों से हो रही है। कई बार लिखित शिकायत देने के बाद भी ऐसे गलत काम करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं हो रही है। इससे प्रतीत होता है कि खाद्य विभाग द्वारा निर्धारित राशि तय कर ली गई है जिसके चलते कभी-कभी छोटे-मोटे उप शहरों में उपस्थिति दर्ज कर विभागीय खानापूर्ति होती रही है बुधवारी सप्ताहिकी बाजार सप्ताह में सब्जी व्यवसाय छोड़कर अन्य दुकान केवल बुधवार को ही लगनी चाहिए लेकिन खाद्य विभाग की जानकारी व नगर निगम की जानकारी के बावजूद शासकीय चावलों की खरीद बिक्री के लिए प्रतिदिन बाजार लगाया जा रहा है जिसमें एक एक व्यापारी को प्रतिदिन 5-5 हजार की अवैध कमाई हो रही है।

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अनाधिकृत बाजार पर न तो निगम रोक लगा रही है, और न हीं खाद्य विभाग पर कोई कार्रवाई हो रही है। इससे प्रतीत होता है कि भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी है, खाद्य विभाग द्वारा हर क्षेत्रों में जहां आम लोगों के सेहत के साथ खिलवाड़ किया जाता है, वही इक्का-दुक्का सैंपल लेकर अपनी उपस्थिति दर्ज कर कार्रवाई नहीं करते सबसे ज्यादा मिलावटी कारोबार खुला पाउडर मसालों में हो रही है। काला गोल मिर्च में पपीते की बीज मिलाकर बेची जा रही है। सेम उसी तरह का नकली दालचीनी, सरसों तेल, दाल आटे आदि में निसंकोच मिलावट किया जा रहा है।

सिन्हा ने आगे बताया कि जिला खाद्य अधिकारी तथा कलेक्टर महोदय को पत्र लिखकर आगरा किया गया था कि खाद्य सामग्रियों में मिलावट तथा अवैध कारोबार पर रोक लगाने की कार्रवाई की जाए लेकिन आज दिनांक तक खाद्य विभाग द्वारा जानबूझकर उचित कारवाई नहीं किया गया है। समाचार पत्रों के माध्यम से कलेक्टर महोदय से आग्रह है कि शिथिल पड़े खाद्य विभाग को सक्रिय कर मिलावटखोरों के विरुद्ध तथा शासकीय चावल की खरीद बिक्री करने वालों पर ठोस कार्रवाई करें ताकि आम जनता के स्वास्थ्य एवं भ्रष्टाचार से राहत मिल सके।