रायगढ़ 12 फरवरी । ओड़िशा के कुल्दा कोल माइंस से रायगढ़ के कई प्लांटों तक कोयला परिवहन के कारण दोनों ओर की सडक़ें बदहाल हो गई हैं। इस मामले में एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए एनजीटी सडक़ निर्माण जल्द करने का आदेश दिया था। कोयला परिवहन करने वाली कंपनियों पर क्षतिपूर्ति लगाने का आदेश दिया था। छग पर्यावरण संरक्षण मंडल ने 9 कंपनियों पर 63 करोड़ की क्षतिपूर्ति लगाई है। सबसे ज्यादा 34 करोड़ जिंदल पावर पर लगाया गया है।
ओडिशा के कुल्दा माइंस और दो अन्य खदानों से जिंदल पावर लिमिटेड तमनार समेत अन्य प्लांटों तक कोयला परिवहन सडक़ मार्ग से हो रहा है। रास्ते में आने वाले ओडिशा के 14 गांव इससे त्रस्त हैं। एनजीटी ने एक ज्वाइंट कमेटी बनाकर जांच करने का आदेश दिया था। कमेटी की रिपोर्ट दाखिल करने के बाद एनजीट के आदेश पर छग-ओडिशा के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सदस्य, सुंदरगढ़ व रायगढ़ कलेक्टर समेत कई अधिकारियों और प्लांट प्रबंधनों की बैठक हुई थी। रिपोर्ट के मुताबिक कुल्दा, गर्जनबहाल और बसुंधरा माइंस से 50 प्रश से अधिक कोयला अकेले जेपीएल पहुंचता है। महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड की कुल्दा माइंस को पर्यावरणीय अनुमति इस शर्त पर दी गई थी कि कोयले का परिवहन रेल मार्ग से होगा।
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एनजीटी ने कहा था कि दोनों राज्यों को जल्द से जल्द रोड बनानी होगी। कोयला परिवहन के कारण ओडिशा की 23 किमी और छग की 19 किमी रोड की हालत खराब है। कमेटी ने रोजाना निकलने वाली कोयला लोड गाडिय़ों का पूरा एनालिसिस किया था। एनजीटी ने आदेश दिया था कि रोड निर्माण का पूरा खर्च संबंधित कंपनियों से वसूली जाए। दोनों राज्यों के पर्यावरण मंडलों को क्षतिपूर्ति लगाने का आदेश दिया गया था। सीईसीबी के सदस्य सचिव ने रायगढ़, सक्ती और कोरबा की नौ कंपनियों पर 63.72 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति अधिरोपित की है। इसमें 21.20 करोड़ पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति और 42.52 करोड़ सडक़ निर्माण के लिए निर्धारित की गई है।
गांवों के हालात बेहद खराब
इस रूट पर कोयला परिवहन के कारण ओडिशा के 14 गांव नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। वहां की सरकार ने रोड निर्माण शुरू किया है लेकिन यह कब तैयार होगी पता नहीं। हमीरपुर के बाद रायगढ़ की सीमा में पीडब्ल्यूडी ने 14 किमी रोड के लिए टेंडर जारी किया है। संबंधित उद्योगों से ही दोनों ओर के सडक़ निर्माण की लागत वसूली जानी है। कहा जा रहा है कि उद्योग इसका विरोध कर रहे हैं।
कंपनी का नाम और क्षतिपूर्ति राशि
- रायगढ़ एनर्जी 6.16 करोड़
- इंड सिनर्जी लि. 1.83 करोड़
- जिंदल पावर 34.39 करोड़
- जेएसपी डोंगामौहा 9.13 करोड़
- जेएसडब्ल्यू इस्पात 1.49 करोड़
- एसकेएस पावर 1.64 करोड़
- आरकेएम पावरजेन 3.12 करोड़
- डीबी पावर लि. 5.30 करोड़
- बालको लिमिटेड 61.16 लाख
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