रायपुर12 फरवरी । अग्रसेन महाविद्यालय में पत्रकारिता विभाग द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन हुआ। इस सेमीनार के तीसरे और अंतिम दिन मीडिया की भूमिका और मीडिया कानून पर समग्र रूप से अपने विचार रखते हुए केन्द्रीय विश्व विद्यालय मोतीहारी (बिहार) के प्राध्यापक डॉ परमात्मा कुमार मिश्र, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय के रीडर डॉ नरेंद्र त्रिपाठी, रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय में विधि संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ अनंतराम प्रधान एवं रायपुर दूरदर्शन के सहायक निदेशक प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि मीडिया में जब जनहित के मुद्दे गायब होने लगें, तो हमें ही जागरूक होना पड़ेगा।
ऐसे में मीडिया के लिए बने कानूनों का अनुपालन कराने के लिए भी जनता को ही सक्रिय होना पड़ेगा. यह मीडिया साक्षरता से ही संभव है। रविवार के दो अन्य वक्ताओं ने भी लोक तंत्र की मजबूती के लिए मीडिया कानूनों के अनुपालन पर जोर दिया।पहले सत्र कि अध्यक्षता करते हुए डॉ परमात्मा कुमार मिश्र ने कहा कि मीडिया में हर दिन नई तकनीक आ रही है. कोई भी तकनीक अपने आप में अछि या बुरी नहीं होती. ठीक उसी प्रकार जैसे चाकू अच्छी या बुरी नहीं है, लेकिन उसका इस्तेमाल करते समय हम उसका सदुपयोग और दुरूपयोग दोनों कर सकते हैं. इस कार्य में मीडिया की भूमिका सबसे अहम होती है. उन्होंने कहा कि मीडिया को समय समय पर उसकी भूमिका बताने के लिए नागरिक को ही जिम्मेदारी लेनी होगी ।
आज के सत्र में “प्रसार भारती अधिनियम, सिनेमेटोग्राफी एक्ट और केबल टीवी एक्ट के अनुपालन” पर अपने विचार रखते हुए रायपुर दूरदर्शन के सहायक निदेशक प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार ने सभी प्रकार के मीडिया को अराजक होने से रोकने के लिए पर्याप्त कानून बनाया हुआ है. किन्तु कई बार विभिन्न कारणों से इन कानूनों का अनुपालन नहीं हो पाता. और तभी हम टेलीविजन, ओटीटी, केबल टीवी या सिनेमा में कुछ ऐसे दृश्य या प्रसंग देखने पर विवश हो जाते हैं, जिसे पहले ही रोक दिया जाना चाहिये था. यहीं पर सिनेमेटोग्राफी और केबल टीवी एक्ट की भूमिका होती है।
आज के दूसरे वक्ता रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय में विधि संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ अनंतराम प्रधान ने “साइबर कानून के अनुपालन” विषय पर कहा कि वर्तमान समय में सूचना क्रांति के कारण रोज हमें नई-नई तकनीकी से जुड़ना पड़ रहा है. लेकिन हम सभी तकनीकों को पूरी तरह से नहीं जान पाते. हमारी इसी कमी का फायदा उठाकर कुछ लोग ठगी, धोखा और जालसाजी जैसे अपराधों को अंजाम देने में सफल हो जाते हैं। यहीं ओपर मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। कि वह जनता को नई नई ताकिनिकों के अच्छे और बुरे दोनों पहलुओं से परिचित कराये।
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वहीँ कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्व विद्यालय के इलेक्ट्रानिक मीडिया संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ नरेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि मीडिया कानूनों के प्रति जनता को भी जागरूक होने से ही लोकतंत्र का भविष्य उज्जवल हो सकता है। इसके लिए देश के प्रत्येक दर्शक और पाठक को मीडिया साक्षर होना पड़ेगा। तभी मीडिया को जवाबदेह बनाया जा सकता है। इससे पहले स्वागत उद्बोधन में महाविद्यालय के डायरेक्टर डॉ. वी.के. अग्रवाल ने कहा कि मीडिया के लिए यूं तो बहुत से कानून बने हुए हैं। लेकिन कई बार इनका पालन ठीक तरह से नहीं हो पाता। इसके लिए पाठक या दर्शक को आगे आना होगा। इस तीन दिवसीय सेमीनार को महाविद्यालय के लिए विशेष आयोजन बताते हुए अपने धन्यवाद ज्ञापन में प्राचार्य डॉ युलेन्द्र कुमार राजपूत ने कहा कि समय के साथ मीडिया और उससे जुड़े कानूनों का विस्तार होता जा रहा है।
इसलिए पत्रकारिता के छात्रों को इन कानूनों को जानना चाहिए । उनोने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय, चाणक्य लॉ एकेडमी एवं खेत्रपाल लॉ एजेंसी को भी उनके सहयोग के लिए विशेष रूप से धन्यवाद दिया। महाविद्यालय के एडमिनिस्ट्रेटर प्रो. अमित अग्रवाल ने कहा कि मीडिया के कानूनों की जानकारी सभी को होना आवश्यक है. क्योंकि इसके बिना दर्शक और पाठक अपने अधिकारों और दायित्वों से परिचित नहीं पाएंगे। अंत में सभी वक्ताओं को महाविद्यालय परिवार की ओर से स्म्रृति चिन्ह प्रदान किये गए। आज के दोनों सत्रों के समापन पर पत्रकारिता संकाय के विभागाध्यक्ष प्रो. विभाष कुमार झा ने तीन दिन की समस्त अकादमिक गतिविधियों एवं विचार विमर्श का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के दोनों सत्रों का संचालन प्रबंध संकाय की विभागाध्यक्ष डॉ शोभा अग्रवाल ने किया. वहीँ कार्यक्रम का संयोजन पत्रकारिता विभाग के प्राध्यापक प्रो राहुल तिवारी ने किया।
इसमें पत्रकारिता संकाय के प्राध्यापक प्रो. हेमंत सहगल, प्रो सुरभि अग्रवाल, वाणिज्य संकाय के प्राध्यापक प्रो. अभिषेक अग्रवाल, प्रो, अभिनव अग्रवाल, प्रो. भावना गढ़ेवाल, डॉ नुपूर अग्रवाल, प्रो रिदवाना हसन, कम्प्यूटर संकाय के विभागाध्यक्ष प्रो विकास शर्मा. प्रो वैभव इंगले, प्रो. रूचि शर्मा, प्रो दीपिका अवधिया, समाज कार्य संकाय के विभागाध्यक्ष प्रो मो रफीक, प्रो रुक्मिणी अग्रवाल सहित समस्त प्राध्यापकों ने भी सक्रिय भूमिका निभाई. इस तीन दिवसीय सेमिनार के तीसरे और अंतिम दिन समापन सत्र में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किये गए।
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