कोरबा,11 फरवरी (वेदांत समाचार)।कोरबा चालू वित्तीय साल के फरवरी में एसईसीएल (SECL)को कोल इंडिया( Coal India Limited)के अन्य अनुषंगी कंपनियों के मुकाबले में सर्वाधिक 18.36 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य मिला है। इस हिसाब से 182 मिलियन टन के लक्ष्य को पाने कंपनी को अंतिम महीने मार्च में 30 मिलियन टन से अधिक कोयला उत्पादन करना होगा। इंटक ने 16 फरवरी को एसईसीएल कुसमुंंडा में तो ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति ने 20 फरवरी को खदानबंदी का ऐलान किया है। आंदोलनों के बीच एसईसीएल को लक्ष्य पाने की चुनौती बनी हुई है।
वित्तीय साल के बचे 49 दिनों में 50 मिलियन टन कोयला उत्पादन करना होगा। जिले में तीन मेगा प्रोजेक्ट खदानों के अलावा एसईसीएल के कोरबा एरिया की भूमिगत व ओपन खदानें भी है। गुरुवार की अवधि तक एसईसीएल को 148.61 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर लेना था। मगर एसईसीएल का कोयला उत्पादन 131.90 मिलियन टन है। जो उक्त अवधि के लक्ष्य से 88.80 फीसदी है। फरवरी में एसईसीएल को 18.36 मिलियन टन का सर्वाधिक कोयला उत्पादन का लक्ष्य मिला है।
अब तक के तय अवधि के टारगेट से आगे चल रही एमसीएल को इस महीने 17.92 मिलियन टन का लक्ष्य मिला है। एनसीएल को 10.64 मिलियन टन का तो कोल इंडिया की अन्य अनुषंगी कंपनी ईसीएल, बीसीसीएल, सीसीएल, डब्ल्यूसीएल का लक्ष्य 10 मिलियन टन से कम का है।
बीते वित्तीय साल से 20 मिलियन टन से अधिक उत्पादन
पिछले साल की तुलना में 9 फरवरी की अवधि तक एसईसीएल ने इस बार 20.64 मिलियन टन अधिक उत्पादन किया है। जबकि पिछले साल इसी अवधि में कंपनी का 111.26 मिलियन टन कोयला उत्पादन था। इस तरह पिछले वित्तीय साल की तुलना में इस बार 20 मिलियन टन से अधिक उत्पादन किया है।
बैठक में बनी सहमति पर पहल नहीं होने से नाराजगी
एसईसीएल दीपका के खदान प्रभावित गांवों के बेरोजगार युवाओं को कंपनी में नियोजित ठेका कंपनियों में रोजगार देने की मांग पर प्रबंधन के साथ हुए त्रिपक्षीय वार्ता में इस पर सहमति बनी थी। लेकिन तय अवधि में इस पर पहल नहीं होने से ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति ने 20 फरवरी को दीपका खदान का खनन कार्य बंद कराने का ऐलान किया है। इसकी सूचना एसईसीएल दीपका के मुख्य महाप्रबंधक को भी दे दी है।
एचपीसी दर पर ठेका कर्मियों को मजदूरी भुगतान की मांग पर हड़ताल: छत्तीसगढ़ संविदा व ग्रामीण मजदूर संघ कांग्रेस (इंटक) ने एचपीसी दर पर ठेका कर्मियों को मजदूरी भुगतान की मांग पर हफ्तेभर का अल्टीमेटम देकर 16 फरवरी से एसईसीएल कुसमुंडा खदान में हड़ताल का फैसला लिया है। ठेका कर्मियों को मेडिकल सुविधा देने की भी मांग है।
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