खरसिया,10 फरवरी । फाइलेरिया से बचाव को लेकर आज, 10 फरवरी को डीईसी एल्बेंडाजोल के अतिरिक्त आइवरमैक्टिन टैबलेट 283 बूथों पर खिलाई जा रही हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चपले में सरपंच की उपस्थिति में आईडीए कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। वहीं विकास खंड के गांव-गांव के स्कूलों तथा आंगनबाड़ी केंद्रों में 283 बूथ बनाए गए हैं, जिनमें फाइलेरिया से बचाव को लेकर टेबलेट खिलाई जा रही हैं। वहीं कल से 13 फरवरी तक घर-घर पहुंचकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तथा मितानिनों के द्वारा यह दवाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।
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बीएमओ डॉ.अभिषेक पटेल ने बताया कि फाइलेरिया लाइलाज बीमारी है, इसलिए जरूरी है कि हम सब सतर्कता बरतते हुए पहले से ही दवाओं का सेवन कर लें। यदि किसी को फाइलेरिया है तो उसे काटा हुआ मच्छर यदि काट दे तो आपको भी फाइलेरिया हो सकता है। वहीं इसकी जानकारी 5 से 10 वर्षों के बाद हो पाती है। इसलिए बचाव ही एकमात्र उपाय है। डॉ.पटेल ने बताया कि प्रदेश में मात्र रायगढ़ और सारंगढ़ ही ऐसा जिला है, जहां फाइलेरिया के केसेज़ बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं। ऐसे में इन दोनों जिलों में 13 फरवरी तक फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर घर-घर टेबलेट उपलब्ध करवाई जाएंगी।
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