रायगढ़ ,10 फरवरी । एफसीआई के एक आदेश से राइस मिलरों में हडक़ंप मच गया है। एकसाथ तीन राइस मिलरों के स्टेक ही अमानक करार दे दिए गए हैं। तीनों ने फोर्टिफाइड राइस जमा कराया था। इसकी गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं मिलने के कारण पूरी स्टेक को ही अमानक कर दिया गया है। एफसीआई की इस कार्रवाई को राइस मिलरों ने गलत बताया है।इस साल से केंद्र सरकार ने पीडीएस दुकानों में वितरण के लिए इस बार पूरा आवंटन फोर्टिफाइड राइस का ही दिया है। मतलब एफसीआई और नान दोनों में केवल एफआरके राइस ही ली जा रही है। इसके लिए मानदंड भी तय किए गए हैं।
एफससीआई में राइस मिलर चावल लेकर जाता है तो क्वालिटी इंस्पेक्टर इसका परीक्षण कर लॉट पास या फेल करते हैं। हर राइस मिलर से मिले लॉट को एक ही स्टेक में भंडारित किया जाता है।इसके बाद नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेटरीज अपने रजिस्टर्ड लैब में गुणवत्ता जांच कराती है। थर्ड पार्टी जांच में केवल फोर्टिफाइड राइस की सूक्ष्म जांच की जाती है।अगर इसमें कोई नमूना मानकों से नीचे पाया जाता है तो पूरी स्टेक ही बियॉन्ड रिजेक्शन लिमिट (बीआरएल) घोषित कर दी जाती है। ऐसा ही कुछ रायगढ़ और सारंगढ़-बिलाईगढ़ के तीन राइस मिलरों के साथ हुआ है।
मिली जानकारी के मुताबिक सिद्धिविनायक राइस मिल, श्री विष्णु एग्रो बरमकेला और शांति देवी राइस मिल सरसीवां में प्रत्येक के 1740 क्विंटल चावल को बीआरएल कर दिया गया है। एनएबीएल ने फेयरलैब्स प्रालि की लैब में जांच कराने के बाद एफसीआई के सीडब्ल्यूसी-2, डिपो गोदाम और एसडब्ल्यूसी लोहरसिंग गोदामों में रखे गए तीन स्टेक को मानकों से नीचे होने का हवाला देते हुए रिजेक्ट किया है। हालांकि अभी स्टेक उठाकर ले जाने का आदेश नहीं दिया गया है। दरअसल जो एफआरके राइस इसमें मिलाई गई है, उसमें पोषक तत्वों की कमी पाई गई है। जो मानक आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी-12 के लिए तय हैं, परिणाम उससे कम आए हैं। हालांकि अभी राइस मिलर के पास अपील करने का विकल्प है, जिसके बाद दोबारा टेस्टिंग हो सकती है।
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मिलर नहीं बनाता एफआरके राईस
रायगढ़ और सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के राइस मिलर एफआरके राइस की खरीदी रजिस्टर्ड वेंडर से करते हैं। मतलब सामान्य अरवा चावल के 99 किलो में एक किलो एफआरके राइस मिलाकर जमा किया जाता है। इन तीनों मिलरों ने भी किसी बाहर की फर्म से एफआरके राइस खरीदा था। उसी में डिफेक्ट मिला है जिसके कारण पूरा स्टेक ही अमानक कर दिया गया है। एफआरके राइस की खराब गुणवत्ता के लिए संबंधित वेंडर जिम्मेदार है लेकिन यहां एफसीआई ने राइस मिलर की कमर तोड़ दी है।
निकलेगा बड़ा मामला
एफसीआई ने तीन मिलरों के स्टेक अमानक कर दिए हैं। इससे राइस मिलरों में नाराजगी है। जिस चावल का निर्माण राइस मिलर नहीं करता, उसके लिए सजा मिल रही है। दरअसल इस प्रकरण में बहुत बड़ी गड़बड़ी सामने आएगी। संबंधित एफआरके वेंडरों की मनमानी और अनियमितता की फाइल खुल सकती है। राइस मिलरों के सामने अपील करने का विकल्प खुला है। एफसीआई ने इसकी जानकारी मार्कफेड को भी भेजी है। बताया जा रहा है कि एफआरके वेंडर को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए राइस मिलरों को टारगेट किया गया है।
क्या कहते हैं डीएमओ
डीएमओ प्रवीण पैकरा ने कहा कि मुझे इसकी जानकारी मिली है। लेकिन अभी स्टेक को वापस ले जाने के लिए नहीं कहा गया है। कुछ विकल्प बाकी हैं।
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