KORBA : नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर साइबर क्राइम के प्रति युवाओं को किया गया जागरुक



0 कमला नेहरू महाविद्यालय में क्विकहील फाउंडेशन व सेवा भारती की पहल

कोरबा, 09 फरवरी । आज के दौर में हर हाथ स्मार्टफोन से लैस है। घर-घर लेपटॉप-कंप्यूटर व टेब का चलन देखा जा रहा। ऐसे में जरा सी लापरवाही साइबर के जाल में फंसकर नुकसान का कारण बन सकती है। इन्हीं बातों पर फोकस करते हुए क्विकहील फाउंडेशन के सहयोग में सेवा भारती की ओर से नुक्कड़ नाटक के जरिए युवाओं को जागरुक किया गया। नुक्कड़ नाटक की आकर्षक प्रस्तुति देकर युवाओं को इन तकनीकों के उपयोग के दौरान सचेत रहने व साइबर ठगी से बचने की विधियां बताई गई।

गुरुवार को सेवा भारती कोरबा व क्विक हील फाउंडेशन पुणे के संयुक्त तत्वावधान में साइबर जागरुकता पर यह कार्यक्रम कमला नेहरू महाविद्यालय में आयोजित किया गया था। सेवा भारती छत्तीसगढ़ के प्रांतीय सहसचिव अभिषेक शर्मा, सेवा भारती कोरबा के सहसचिव उमेश सोनी ने भी विद्यार्थियों समेत कॉलेज परिवार को संबोधित किया। कोरबा पुलिस के सहयोग से साइबर शिक्षा से साइबर सुरक्षा विषय पर महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं, प्राध्यापकों व सहायक प्राध्यापकों को अलर्ट करने सेवा भारती के कार्यकर्ताओं ने नुक्कड़ नाटक (स्ट्रीट प्ले) प्रस्तुत किया। रोचक विधि से साइबर सुरक्षा के विषय पर जानकारी दी गई। उन्होंने अपनी प्रस्तुति से बताया कि वर्तमान तकनीक के समय में किस तरह से आॅनलाइन फ्रॉड से बचा जा सकता है। कार्यक्रम के पश्चात कोरबा पुलिस के साइबर सेल के अधिकारियों ने भी इस विषय पर अपनी बात रखी। क्विकहील फाउंडेशन व सेवा भारती की ओर से दी गई प्रस्तुति में नुक्कड़ नाटक टीम से योगेश शेट्टी, गौरव निमकर, त्रुषांत पाटे, कृष्ण नौवाले, अमोल अग्लावे, विशाल चवन शामिल रहे। सेवा भारती से मयंक श्रीवास भी उपस्थित रहे।


साइबर ठगों के मायाजाल से बचने सतर्कता जरूरी: डॉ. बोपापुरकर

यह कार्यक्रम कमला नेहरू महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ प्रशांत बोपापुरकर के मार्गदर्शन, वरिष्ठ प्राध्यापक अजय मिश्रा के नेतृत्व में एनसीसी व व एनएसएस प्रभारियों व छात्र छात्राओं के सहयोग से आयोजित किया गया। प्राचार्य डॉ. बोपापुरकर ने कहा कि इंटरनेट माध्यमों के सही इस्तेमाल के साथ दुरुपयोग से बचने हमें साइबर दुनिया के प्रति सचेत व सजग बनने की जरूरत है। तभी हम अत्याधुनिक सूचना तकनीक का उचित प्रयोग करते हुए विज्ञान की इस सौगात को वरदान बना सकते हैं। सेवा भारती व क्विकहील फाउंडेशन का यह प्रयास निश्चित तौर पर लोगों को साइबर के मायाजाल से बचने मददगार साबित होगा।