हिदायतों की उड़ी हवाइयां, कोरबा जिले के 15 उपार्जन केंद्रों में गत वर्ष की तुलना 15 से 185 फीसदी तक अधिक मात्रा में खरीदे गए धान, शासन को 33 करोड़ 59 लाख का करना पड़ा भुगतान, प्रशासन लेगा संज्ञान !जानें पूरा मामला…

कोरबा, 08 फरवरी । आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में रिकार्ड धान खरीदी के बीच 15 उपार्जन केंद्र इस साल चर्चे में हैं।इन उपार्जन केंद्रों में गत वर्ष की खरीदी से 10 फीसदी से अधिक वृद्धि नहीं करने की स्पष्ट हिदायत के बावजूद गत वर्ष की धान खरीदी की तुलना में 15 से 185 फीसदी तक अधिक धान खरीद दिए गए। चुनावी वर्ष में निगरानी अफसरों की ढिलाई से इन 15 उपार्जन केंद्रों में खरीदे गए 1 लाख 64 हजार 658 .40 क्विंटल धान के एवज में शासन को समर्थन मूल्य पर 33 करोड़ 59 लाख 3 हजार 136 रुपए का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ा। रायगढ़ ,जांजगीर चाम्पा ,गौरेला -पेंड्रा -मरवाही ,सूरजपुर पड़ोसी जिलों के सीमावर्ती केंद्रों से लगे इन उपार्जन केंद्रों में हुई इस रिकार्ड धान खरीदी से आमजन से लेकर जिला प्रशासन भी आवाक है। तमाम अटकलों के बीच इन उपार्जन केंद्रों में खरीदे गए धान की जांच की आवश्यकता महसूस की जा रही।

यहाँ बताना होगा कि खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का कार्य पूर्ण हो चुका है । रकबा बढ़ने के साथ ही साथ पहली बार जिले में रिकार्ड किसानों से रिकार्ड धान की आवक हुई । जिले के 41 समितियों के 60 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से तय समर्थन मूल्य पर 38 हजार 994 किसानों ने 21 लाख 29 हजार 250 क्विंटल धान बेचा। जिसके एवज में किसानों को मोटा ,स्वर्णा के लिए तय समर्थन मूल्य (2040 रुपए प्रति क्विंटल ) के आधार पर करोड़ 434 करोड़ 36 लाख 71 हजार 632 रुपए का भुगतान सहकारी बैंकों की सभी 6 शाखाओं के माध्यम से किया जा रहा है । गत वर्ष 2021-22 में 34 हजार 73 किसानों ने समर्थन मूल्य पर 17 लाख 2 हजार 372 क्विंटल धान बेचा था । इस तरह इस साल 12.61 फीसदी अधिक किसानों ने 19 लाख 80 हजार क्विंटल के लक्ष्य को पार करते हुए 7.53 फीसदी अधिक धान बेचा ।निश्चित तौर पर रिकार्ड धान खरीदी से कोरबा जरूर गौरवान्वित महसूस कर रहा। लेकिन 15 उपार्जन केंद्र गत खरीफ वर्ष 2021 – 22 में खरीदे गए धान की मात्रा से 10 फीसदी से अधिक धान खरीदी कर चर्चा में आ गई हैं। इन उपार्जन केंद्रों ने 15 से 185 फीसदी तक धान में वृद्धि हुई है।
चुनावी वर्ष में निगरानी अफसरों की ढिलाई से इन 15 उपार्जन केंद्रों में खरीदे गए 1 लाख 64 हजार 658 .40 क्विंटल धान के एवज में शासन को समर्थन मूल्य पर 33 करोड़ 59 लाख 3 हजार 136 रुपए का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ा। रायगढ़ ,जांजगीर चाम्पा ,गौरेला -पेंड्रा -मरवाही ,सूरजपुर पड़ोसी जिलों के सीमावर्ती केंद्रों से लगे इन उपार्जन केंद्रों में हुई इस रिकार्ड धान खरीदी से आमजन से लेकर जिला प्रशासन भी आवाक है। तमाम अटकलों के बीच इन उपार्जन केंद्रों में खरीदे गए धान की जांच की दबे स्वर मांग उठ रही। धान की आवक बढ़ने के लिए समितियां भले ही पंजीकृत किसानों व पंजीकृत रकबा बढ़ने का तर्क देकर कर इन आरोपों से बचने का तरीका ढूंढ रही हों ,लेकिन जनचर्चाएँ हैं कि किसानों की आड़ में बिचौलियों का धान भी खपा दिया गया। यही नहीं लिंकिंग की वसूली के लिए पूरी पूरी व्यवस्था में ढिलाई बरती गई। लिहाजा प्रकरण की प्रशासनिक स्तर पर विशेष टीम गठित कर जांच की दरकार है ताकि अटकलों पर विराम लग सके।हमने इस संदर्भ में नवपदस्थ उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं श्रीमती पूर्णिमा सिंह से उनका पक्ष जानने उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क किया लेकिन कॉल रिसीव नहीं करने की वजह से उनका पक्ष नहीं आ सका।

चार्ट

जानें वर्षवार उपार्जन केन्द्रवार कहाँ कितनी हुई वृद्धि

केंद्र -21-22 – 22-23 -वृद्धि -प्रतिशत

रामपुर -53850-70632-16782-31.16

पाली -37988 -52757-14768-38.87

बेहरचुआं-46272-54080-7808-16.87

केरवाद्वारी -39930-56620-16690-41.79

उतरदा -44962 -58258-13296-29.57

चैतमा -35085-51252-16167-46.07

जटगा-26504-37352-10848-40.92

जवाली -27802 -37458-9656-34.73

नवापारा -52260 -67694-15434-29.53

नोनबिर्रा (हरदीबाजार) -21222-28983-7761.6 -36.57

कोरबी (पोंडी उपरोड़ा) 42954-53288-10334-24.05

पसान -19595-31570-11975-61.11

पिपरिया -16356-23227-6871-42.01

सपलवा-3370-9638-6267-185.92

फैक्ट फाईल धान खरीदी

खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 ( कोरबा जिला )

लक्ष्य – 19 ,80,000 क्विंटल

समिति – 41

उपार्जन केंद्र -60

नए उपार्जन केंद्र – 5

समर्थन मूल्य पर कुल धान खरीदी – 21,29,250.80 क्विंटल

कुल भुगतान योग्य राशि -434,36,71,632. 00

लक्ष्य से अधिक प्राप्ति धान -4,26,878.00 क्विंटल(7.53 फीसदी)

कुल धान बेचने वाले किसान -38994

गत वर्ष की तुलना धान बेचने वाले बढ़े किसान – 4921(12.61 फीसदी)

गत वर्ष की तुलना अधिक खरीदे गए धान -4,26,878 क्विंटल (20.5 फीसदी)

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