Raigarh News : गलत सर्वे रिपोर्ट बनाकर करोड़ों का किया फर्जीवाड़ा

रायगढ़ ,05 फरवरी ।  भूमि अधिग्रहण में घपलेबाजी नहीं रुक पा रही है। एक के बाद एक कई प्रोजेक्ट में गड़बडिय़ों ने रायगढ़ जिले की छवि तार-तार कर दी है। अब एक और मामले में प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं। राजस्व मंडभूमि अधिग्रहण में घपलेबाजी नहीं रुक पा रही है। एक के बाद एक कई प्रोजेक्ट में गड़बडिय़ों ने रायगढ़ जिले की छवि तार-तार कर दी है। अब एक और मामले में प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं। राजस्व मंडल से आदेश के बाद रायगढ़ में जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। अपर कलेक्टर के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम इस फर्जीवाड़े की जांच करेगी।

तमनार में छग सरकार को आवंटित गारे पेलमा सेक्टर तीन कोल ब्लॉक के प्रभावित गांव बजरमुड़ा में डेढ़ सौ करोड़ का फर्जीवाड़ा सामने आया है। इसकी शिकायत राजस्व मंडल से की गई थी जिसके बाद कलेक्टर को जांच के निर्देश मिले थे। रायगढ़ जिले में किसी भी प्रोजेक्ट के लिए भूअर्जन हमेशा से सवालों में रहा है। चाहे एनटीपीसी लारा हो या रेलवे लाइन, अवैध खरीदी-बिक्री और निर्माण के कारण मुआवजे की रकम में कई गुना बढ़ोतरी हो जाती है। जानबूझकर प्रभावित जमीन पर त्वरित ढंग से ऐसे निर्माण किए जाते हैं। इस बार तो राजस्व विभाग के अधीनस्थ कर्मचारियों ने अपनी ही सरकार को चूना लगाया है। मामला तमनार के बजरमुड़ा गांव का है।

सीएसपीजीसीएल को आवंटित कोल ब्लॉक में बजरमुड़ा गांव का सर्वे ही विवादों में है। 129 हेक्टेयर एक फसली जमीन को दो फसली बताकर करीब 300 करोड़ का मुआवजा बांटा गया है। परिसंपत्तियों के मुआवजे के निर्धारण में भी मनमानी की गई है। चार गुना मुआवजा दर के कारण अवार्ड राशि 400 करोड़ हो गई। इसके पीछे त्रुटिपूर्ण सर्वे है। राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी इसमें मिले हुए हैं। इसकी विस्तृत शिकायत राजस्व मंडल से की गई है। राजस्व मंडल ने कलेक्टर रायगढ़ को जांच के निर्देश दिए थे। कलेक्टर ने अपर कलेक्टर राजीव कुमार पांडे, एसडीएम घरघोड़ा रोहित सिंह और एसके पटेल अधीक्षक भू-अभिलेख की टीम गठित कर मामले की जांच का आदेश दिया है।

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बहुत बड़ी साजिश का होगा खुलासा

बजरमुड़ा मामले ने रायगढ़ जिले में घोटालों का नया तरीका सबको सिखा दिया है। इसकी तर्ज पर दूसरे कोयला खदानों में भी गड़बड़ी होने लगी है। राजस्व विभाग के कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल सर्वे के दौरान जमीन और परिसंपत्तियों की गलत डिटेल एंट्र्री की गई। भुगतान के बाद इस राशि की बंदरबांट भी की गई। इसमें कंपनी के भी कई अधिकारी शामिल हैं।

इधर खनिज विभाग दे रहा भू-प्रवेश की अनुमति

एक तरफ बजरमुड़ा गांव में घपले की गंभीर शिकायत की गई है, वहीं दूसरी तरफ खनिज विभाग इसके भू-प्रवेश की अनुमति वाली फाइल आगे बढ़ा रहा है। दरअसल घपले की शिकायत होने के बाद प्रक्रिया को जल्द पूरा करने की कोशिश की जा रही है। अब प्रशासन ने जांच के लिए टीम का भी गठन किया है। अपर कलेक्टर  ने बताया की राजस्व मंडल से आदेश के बाद बजरमुड़ा में जांच के लिए तीन अधिकारियों की टीम बनाई गई है। जल्द जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।