रांची ,04 फरवरी । मनरेगा और माइनिंग घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की आरोपी निलंबित आईएएस पूजा सिंघल ने अदालत से मिली अंतरिम जमानत की अवधि पूरी होने के बाद शनिवार को ईडी कोर्ट में सरेंडर किया। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। पूजा सिंघल ने झारखंड हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट की ओर रूख किया। इसके तहत 3 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने मेडिकल ग्रांउड के आधार पर एक महीने की सर्शत अंतरिम जमानत दिया। सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद पूजा सिंघल 4 जनवरी को बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल से बाहर निकली। लेकिन, अंतरिम जमानत की अवधि खत्म होने से पूर्व 4 फरवरी को पूजा सिंघल ने ईडी के स्पेशल कोर्ट में सरेंडर किया। कोर्ट ने पूजा सिंघल को 14 दिन के लिए जेल भेज दिया।
यह भी पढ़े :-BIG BREAKING : मुख्यमंत्री श्री बघेल, महापौरों और अध्यक्षों से करेंगे चर्चा
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने ईडी की अदालत में पूजा सिंघल समेत अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था। इसमें बताया गया है कि चतरा, खूंटी और पलामू में डीसी रहते हुए पूजा सिंघल के खाते में सैलरी से 1.43 करोड़ अधिक आए थे। ईडी ने इन तीनों जिलों में उनके डीसी के कार्यकाल के दौरान के अलग-अलग बैंक खातों व दूसरे निवेश की जानकारी जुटाई। खूंटी में मनरेगा का घोटाला फरवरी 2009 से जुलाई 2010 के बीच हुआ। उस समय पूजा सिंघल वहां की डीसी थीं। ईडी ने पिछले साल 6 मई को तत्कालीन खान सचिव पूजा सिंघल के सरकारी व निजी आवास, उनके पति अभिषेक झा और उनके सीए सुमन सिंह समेत 25 ठिकानों पर छापेमारी की थी। सीए सुमन सिंह के आवास से ईडी को 19.31 करोड़ रुपए नगद बरामद हुए थे। इसके बाद 11 मई को ईडी ने पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया था।
[metaslider id="347522"]