नई दिल्ली,04 फरवरी । 2019 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में हुई हिंसा की घटनाओं से संबंधित एक मामले में दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र शरजील इमाम और सह-आरोपी आसिफ इकबाल तन्हा को आरोपमुक्त कर दिया। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच झड़प के बाद हिंसा भड़क गई थी।
साकेत कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरुल वर्मा ने आदेश पारित किया। इमाम और तन्हा दोनों पर दंगा और गैरकानूनी असेंबली से संबंधित भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे। अदालत ने मोहम्मद इलियास नाम के सह-अभियुक्तों में से एक के खिलाफ गैरकानूनी असेंबली और दंगा करने के आरोप तय किए। हालांकि इमाम को अभी भी जेल में रहना होगा, क्योंकि 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के मामले से संबंधित साजिश मामले में वह अरोपी है। उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत केस दर्ज है।
[metaslider id="347522"]