गौठानों में हर पखवाड़े 30 क्विंटल गोबर खरीदी सुनिश्चित की जाए

धमतरी,03 फरवरी   कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी ने आज ज़िले के चारों विकासखंड में विकसित किए जा रहे ग्रामीण औद्योगिक पार्क की प्रगति की समीक्षा करते हुए रीपा की गाइडलाइन अनुरूप स्थानीय लोगों को रोजगार और स्वरोजगार मुहैया कराने ग्रामीण उद्योग को स्थापित करने पुनः डीपीआर बनाकर भेजने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने रीपा के लिए बनाए गए नोडल महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र को शीघ्र एनआरएलएम और मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत के साथ बैठकर डीपीआर बनाने कहा है।

इस मौके पर उन्होंने अभी तक रीपा में निर्माण कार्यों को छोड़ अन्य स्वीकृत कार्यों की समीक्षा करते हुए उसके प्रगति की जानकारी भी ली। कलेक्टर ने सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को सख्त निर्देश दिए हैं कि रीपा के तहत लिए गए गौठानों सहित तीन अन्य गौठानों का रोज दौरा करें और उसकी प्रगति पर निगाह रखें। प्रदेश के मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल की मंशा अनुरूप गोबर से पेंट बनाने की इकाई कुरूद के हंचलपुर स्थित रीपा में स्थापित की गई है। कलेक्टर ने इसमें काम करने वाले समूह की महिलाओं के प्रशिक्षण के बाद इसे जल्द शुरू करने के निर्देश मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कुरूद को दिए हैं।

जिला पंचायत सभाकक्ष में आज दोपहर 12 बजे से आहूत बैठक में कलेक्टर ने ज़िले 347 गौठानों में आजीविकामुलक गतिविधियों की जानकारी ली। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला और बाल विकास से आंगनबाड़ियों के जरिए कुपोषित बच्चों को दिए जाने वाले पोषण आहार की जानकारी ली। बताया गया कि हर दिन 374 बच्चों को अंडा दिया जा रहा है, जो कि स्थानीय स्तर पर उपलब्ध अंडा होता है। यह भी बताया कि ज़िले में कुल 1102 आंगनबाड़ी हैं और इनमें कुल 4305 कुपोषित बच्चे हैं।

इस पर कलेक्टर ने सुनिश्चित करने कहा कि सभी गौठानों में लेयर बर्ड फार्मिंग, मुर्गीपालन और उत्पादन की इकाई यथासंभव स्थापित की जाये जिससे कि आंगनबाड़ी आने वाले सभी कुपोषित बच्चों को अंडा दिया जा सके। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास को इसके लिए जल्द से जल्द प्रस्ताव बनाकर देने कहा। इसके अलावा स्कूल शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास तथा आदिवासी विकास विभाग के आश्रम-छात्रावासों में साग-सब्जियों की मांग की जानकारी ली और सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को ज्यादा बाड़ियां बनाकर इन विभागों की साग-सब्जी की मांग की पूर्ति करने के कड़े निर्देश दिए। यह भी सुनिश्चित करने कहा कि बच्चों को परोसे जाने वाले दाल में साग जरूर डाला जाए।

इससे जहां बच्चों को पोषक तत्व मिलेंगे, वहीं बाड़ी में सलंग्न महिला समूहों के आय में इज़ाफा भी होगा। इसके साथ ही गौठानों में उत्पादित अन्य सामग्रियां जैसे बड़ी, पापड़, अचार, मसाले, साबुन, फिनायल, वाशिंग पाउडर आदि जो सी-मार्ट में विक्रय के लिए उपलब्ध हैं, उनका इन विभागों द्वारा खरीदी की जानकारी भी कलेक्टर ने ली। साथ ही सीईओ जनपदों को सुनिश्चित करने कहा कि गौठानों में समूहों द्वारा तैयार सामग्रियों की बिक्री पर भी निगाह रखें और जिन सामग्रियों की बिक्री नहीं हो पा रही उसकी जानकारी उपलब्ध कराएं।

कलेक्टर ने गौठानों में गोबर खरीदी की पखवाड़ेवार प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कड़े शब्दों में सभी सीईओ जनपद को निर्देशित किया कि गौठानों में हर पखवाड़े में हर हाल में 30 क्विंटल गोबर खरीदी की जाए। इसके अलावा उप संचालक कृषि को साफ हिदायत दी कि गौठानों में गोबर से खाद कन्वर्जेंस 40% होना चाहिए। इसके लिए ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को गौठानों में वर्मी उत्पादन पर सतत निगरानी रखनी होगी। उन्होंने जिन गौठानों में वर्मी उत्पादन किया जा रहा, वहां उन्नत किस्म के केंचुए टांके में डालने पर जोर दिया, जिससे तेजी से वर्मी उत्पादन किया जा सके।

इस मौके पर कलेक्टर ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत स्वीकृत कार्य, जॉब कार्डधारी परिवार और हर दिन काम में लगे जॉब कार्डधारियों की ब्लॉकवार जानकारी ली तथा प्रतिदिन सक्रिय मजदूरों की रिपोर्टिंग करने कहा है। साथ ही ज्यादा से ज्यादा हितग्राही मूलक काम स्वीकृत कराने पर भी कलेक्टर ने जोर दिया। उन्होंने इस मौके पर अन्य विषयों पर भी आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में कृषि, पंचायत, सभी सीईओ जनपद और एनआरएलएम अधिकारी आदि उपस्थित रहे।

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