सुप्रीम कोर्ट 4 फरवरी 2023 को पहली बार मनाएगा अपना स्थापना दिवस

नई दिल्ली , 03 फरवरी  भारत की न्यायपालिका के इतिहास में एक और नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट 4 फरवरी 2023 को अपना स्थापना दिवस मनाने जा रहा है। 73वें स्थापना दिवस से नई परंपरा की शुरुआत हो रही है। सिंगापुर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सुंदरेश मेनन इस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। सुप्रीम कोर्ट के स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में बदलती दुनिया में न्यायपालिका की भूमिका विषय पर एक लेक्चर होगा।

26 जनवरी 1950 को भारत के एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य बनने के दो दिन बाद यानी 28 जनवरी 1950 को सुप्रीम कोर्ट अस्तित्व में आया था। सर्वोच्च न्यायालय को संविधान के भाग 5 अध्याय 4 के अंतर्गत स्थापित किया गया है। संविधान के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय संघीय न्यायालय और भारतीय संविधान का संरक्षक है। सुप्रीम कोर्ट के सूत्रों के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने  स्थापना दिवस की परंपरा की शुरुआत की है। अभी तक सुप्रीम कोर्ट का अपना कोई इस तरह का दिवस नहीं होता।

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वहीं, सुप्रीम कोर्ट 26 नवंबर को संविधान दिवस का आयोजन करता है। ऐसे में सीजेआई ने ये विचार किया कि नए दौर में देश के हर नागरिक को ये जानने का हक है कि बदलते समय में न्यायपालिका कैसे काम कर रही है? साथ ही दुनियाभर में न्यायपालिका कैसे काम करती हैं? नागरिक खासकर युवा वर्ग इससे जुड़े और जागरूक हों। दुनियाभर की कानून जगत की हस्तियां इस मौके पर अपने विचार रखें और कानून के छात्रों को भी इसका लाभ मिले। इसी उद्देश्य से 4 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट स्थापना दिवस समारोह आयोजित कर रहा है।

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