रायपुर,01 फरवरी । अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए किए गए प्रावधानों का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर की गई घोषणाओं का दीर्घकालीन प्रभाव होगा और शोध एवं अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने छत्तीसगढ़ के विशेष संदर्भ में सिकल सेल एनिमिया का वर्ष 2047 तक उन्मूलन करने के लिए प्रारंभ किए जाने वाले मिशन को महत्वपूर्ण बताया। उनका कहना था कि छत्तीसगढ़ और आसपास के राज्यों में इससे प्रभावित रोगियों की बड़ी संख्या है। इस मिशन से इन रोगियों को राहत मिलेगी। एम्स के विभिन्न विभाग भी इस दिशा में शोध कर रहे हैं। मिशन प्रारंभ होने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर शोध संभव हो सकेगा।
उन्होंने आईसीएमआर की चिह्नित लैब की शोध सुविधा को सार्वजनिक और निजी क्षेत्र को प्रदान करने को महत्वपूर्ण बताया। उनका कहना था कि इससे गुणवत्तापूर्ण शोध और अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा। मेडिकल डिवाइस के लिए मल्टी डिसीपिलनरी कोर्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और नए नर्सिंग कालेज की स्थापना से भी स्वास्थ्य क्षेत्र को विशेषज्ञ मिल सकेंगे। उन्होंने शोध और अनुसंधान में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों का भी स्वागत किया है।