मुंबई ,28 जनवरी । महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के अपना पद त्यागने की इच्छा व्यक्त करने के बाद अब नए राज्यपाल के नाम पर मंथन शुरू हो गया है। पहला और प्रबल नाम पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह का है। दूसरा नाम छत्तीसगढ़ के भाजपा प्रभारी ओम माथुर और तीसरा नाम पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन का है।
हालाकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रगाढ़ रिश्ते की वजह से कैप्टन अमरिंदर का पलड़ा भारी लग रहा है। सूत्रों का दावा है कि भारत सरकार ने उन्हें राज्यपाल बनाने का फैसला ले लिया है। कोश्यारी किसी वक्त भी इस्तीफा देंगे और उन्हें ग्राह्य कर नए राज्यपाल का आदेश निकल जाएगा।
बता दें, महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने अपने पद से इस्तीफा देने की इच्छा कुछ दिनों पहले ही जताई है। कोश्यारी ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी देते हुए लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मैंने सभी राजनीतिक जिम्मेदारी छोड़ने की इच्छा जताई है। इन्होंने ये भी बताया कि इस बारे में पीएम मोदी के मुम्बई यात्रा के दौरान भी जानकारी इस बात की दी गई थी।
उन्होंने आगे लिखा कि ये बहुत सम्मान की बात थी कि मुझे महाराष्ट्र के राज्यपाल के तौर पर सेवा करने का मौका मिला। उस महाराष्ट्र का जो संतों, सामाजिक कार्यकर्ताओं की भूमि है। पिछले तीन सालों में मुझे महाराष्ट्र की जनता से जो प्यार मिला है, मैं वो कभी नहीं भूल सकता हूं।
उन्होंने लिखा- हाल ही में मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुंबई प्रवास में उन्हें बताया कि मैं सभी राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त होना चाहता हूं। मैंने उनसे कहा कि बचा हुआ जीवन मैं लिखने-पढ़ने और दूसरी गतिविधियों में बिताना चाहता हूं। मुझे प्रधानमंत्री से हमेशा प्यार और दुलार मिला है।
बता दें, कोश्यारी ने एक कार्यक्रम में ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले के बाल विवाह को लेकर एक विवादित बयान दिया था। उसके बाद छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी। इसके अलावा गुजराती और मराठी समुदाय को लेकर भी उन्होंने अजीबोगरीब बयान दिया था।
उन्होंने भरी सभा में बाबासाहेब अंबेडकर और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को नए जमाने का आइकॉन बताया था। इस बयान के बाद विपक्ष के नेता उन पर हमलावर हो गए और उनका इस्तीफा मांगने लगे।शिवसेना की तरफ से प्रतिक्रिया आ गई है। सांसद विनायक राउत ने कहा है कि कोश्यारी को पीएम के बजाय राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा भेजना चाहिए था। अच्छी बात है कि उन्हें खुद इस बात का अहसास हो गया है।
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