वर्धा । महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण के बाद उपस्थितों को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने कहा कि आज भारत विश्व की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में गणतंत्र दिवस मना रहा है। भारत सन् 1950 से प्रभुता और वैभव सम्पन्न राष्ट्रीय जीवन को रूपायित करते आ रहा है, आने वाले दिनों में भारत नयी सभ्यता की इबारत रखेगा।
विश्वविद्यालय के वाचस्पति भवन के प्रांगण में कुलपति प्रो. शुक्ल ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस अवसर पर उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि बहुलतावादी भारत में सबकी विशिष्टता का एकीकरण करते हुए एकात्म भाव की दुनिया खड़ी की जा सकती है। भारत ने सभी को आर्थिक-सामाजिक न्याय प्राप्त हो सके, इसके लिए समतामूलक समाज-व्यवस्था स्थापित होने के यत्न किये हैं। हमने समान मताधिकार का रास्ता बनाया और अन्य देशों ने इसका अनुकरण किया।
विवि की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए प्रो. शुक्ल। ने कहा कि यह गांधी के सपनों का विश्वविद्यालय है। हिंदी के साथ भारत की सभी भाषाओं को लेकर चलने का हमारा दायित्व है। हिंदी एक बड़ी भाषा है, यह राष्ट्रीय भाषा के रूप में विकसित हो, इसकी बड़ी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय पर है। यंत्र और मनुष्य की भाषा में एकाकारिता कैसी लायी जाए यह बड़ी चुन्नौती है। संगणक की गति को बढ़ाते हुए हमें इसका मुकाबला करना है। इस दिशा में आगे बढ़ने से हिंदी विश्व-संपर्क की भाषा बन सकती है। विश्वहविद्यालय का सामाजिक चेहरा प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि अपनी अंतरराष्ट्रीय भूमिका का निर्वहन करते हुए हम सामाजिक सरोकार में भी अग्रसर हैं। पिछड़ों को मुख्यधारा में लाने और उनके साथ चलने के कार्य की गुंज वर्धा और आसपास के क्षेत्र में सुनाई दे रही है। अपने रजत वर्ष में हमें मीलों चलना है, मंजिल बाकी है। यह विश्वविद्यालय अब ऊर्जा के केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है। हम मेधा व प्रतिभा सम्पन्न विद्यार्थी को गंभीर अध्येता के रूप में तैयार कर रहे हैं, वही हमारे वास्तविक राजदूत हैं। उन्होंसने आह्वान किया कि हमें सामाजिक पर्यावरण निर्मित करने का संकल्प लेना चाहिए।
कुलपति प्रो. शुक्ल ने ध्वजारोहण से पहले गांधीजी और बाबासाहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर अभिवादन किया। ध्वजारोहण के समय सुरक्षा कर्मियों ने बैंड पर राष्ट्रगान की धुन बजाई और सुरक्षा कर्मियों ने कुलपति प्रो. शुक्ल को परेड-सलामी भी दी। इस अवसर पर प्रतिकुलपति द्वय प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्ल एवं प्रो. चंद्रकांत रागीट, कुलसचिव क़ादर नवाज़ ख़ान, वित्त अधिकारी पी. सरदार सिंह, अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्ष, केंद्र के निदेशक, अध्यापक, अधिकारी, कर्मचारी, शोधार्थी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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