नव-नियुक्‍त आरक्षकों को CM ने सौंपे नियुक्‍ति पत्र, बोले – वर्दी पर कभी कलंक मत लगने देना

भोपाल, 27 जनवरी । राजधानी के नेहरू नगर में स्‍थित पुलिस लाइन में शुक्रवार को गृह विभाग द्वारा नव-नियुक्त आरक्षकों को नियुक्ति प्रमाण-पत्र वितरण एवं उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्‍य अतिथि के तौर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल हुए और उन्‍होंने नव-नियुक्‍त आरक्षकों को नियुक्‍ति पत्र सौंपे। सुबह तकरीबन साढ़े नौ बजे इस कार्यक्रम की शुरुआत ‘मध्‍य प्रदेश गान’ के साथ हुई। सीएम शिवराज ने दीप प्रज्‍ज्‍वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

मंच पर जब सीएम शिवराज अपना संबोधन देने आए तो उन्‍होंने माइक को नीचे रख दिया। इसके उपरांत वे मंच से नीचे उतरे और कार्यक्रम स्‍थल पर एकत्र नव-नियुक्‍त आरक्षकों पर पुष्‍पवर्षा कर उनका अभिनंदन किया। इससे नव-नियुक्‍त आरक्षकों में भी खुशी की लहर दौड़ गई।

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इसके उपरांत सीएम शिवराज ने नव-नियुक्‍त आरक्षकों के साथ संवाद किया। उन्‍होंने नव-नियुक्‍त आरक्षकों को उनके चयन के लिए बधाई दी और कहा कि पुलिस सेवा सिर्फ नौकरी नहीं है, देश की रक्षा, जन सेवा का संकल्प है। जब आवश्यकता हुई पुलिस बल ने सर्वोच्च बलिदान दिया है। मध्यप्रदेश पुलिस का इतिहास शौर्य और पराक्रम से गौरवान्वित है। कबायली हमला हो या गोवा मुक्ति का संघर्ष हो या नागालैंड, मध्यप्रदेश पुलिस ने अपना कर्तव्य निर्वहन कर देश की सेवा की। मध्यप्रदेश पुलिस ने राज्य में सिमी आतंकी का नेटवर्क हो या बीहड़ के जंगल में डकैतों का आतंक या फिर नक्सलियों का आतंक, मध्यप्रदेश पुलिस ने इन सभी को ध्वस्त किया है, प्रभावी अंकुश लगाया है। नवआरक्षक यह याद रखें कि यह वर्दी देश की रक्षा के लिए है, समाज की सुरक्षा के लिए है, अपराधियों पर कहर बनकर टूट पड़ने के लिए है, सज्जनों के उद्धार और दुर्जनों पर अंकुश के लिए है। इस वर्दी पर कभी कलंक मत लगने देना। हमेशा वर्दी का मान रखना। पुलिस की वर्दी कोई साधारण वर्दी नहीं है। यह वर्दी देश तथा प्रदेश की सुरक्षा की है, यह वर्दी अपराधियों को नेस्तनाबूद करने के लिए है। यह वर्दी निर्बलों को ताकत देने के लिए है। यह वर्दी सज्जनों का उद्धार करने के लिए है। संवेदनशीलता, वीरता, देशभक्ति और अनुशासन ही मध्यप्रदेश पुलिस की पूँजी है जिसने मध्यप्रदेश पुलिस का स्थान बनाया है। इसे कभी बिगड़ने मत देना। वर्दी की मर्यादाओं को कभी भूलना मत। मुख्यमंत्री ने कहा कि पांव में चक्कर, मुंह में शक्कर, सीने में आग और माथे पर बर्फ, हमारा व्यवहार ऐसा होना चाहिए।

सीएम शिवराज ने आगे कहा कि आरक्षक पुलिस बल का नींव है, आधार है। अतिशयोक्ति न होगी कहना कि आरक्षक पुलिस बल की आंख और कान है। वरिष्ठ अधिकारी पुलिस बल का नेतृत्व करते हैं, लेकिन क्षेत्र की सुरक्षा का जिम्मा पहले आरक्षक पर ही होता है। मध्यप्रदेश पुलिस ने कर्तव्य पथ पर चलते हुए राष्ट्रीय दायित्व का निर्वहन किया। हमारे जवानों ने एक साल में लगभग 1 करोड़ 14 लाख के ईनामी डकैतों, नक्सलियों को मार गिराया।

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नवनियुक्त आरक्षकों को नियुक्ति प्रमाण पत्र वितरण और उन्मुखीकरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा मध्यप्रदेश पुलिस का अर्थ है सज्जनों के लिए फूल से ज्यादा कोमल, लेकिन दुर्जनों के लिए वज्र से ज्यादा कठोर। पुलिस बल से जिम्मेदार आम नागरिकों को ज्यादा उम्मीदें होती है, उनकी रक्षा हमारा कर्तव्य है। मुझे और मध्यप्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता पुलिस पर गर्व करती है। कोविड काल में आपने अपनी कर्तव्यनिष्ठा और सेवा भाव से सबका दिल जीत लिया। कर्तव्य निर्वहन के लिए बलिदान देने में भी आप पीछे नहीं रहे। निष्पक्षता, ईमानदारी, प्रमाणिकता साख बनती है। नव आरक्षक ईमानदारी के साथ कर्तव्य का निर्वहन करें, तभी पुलिस बल की उच्चतम साख स्थापित होती है। मध्यप्रदेश की शांति और सुरक्षा के लिए कर्तव्य पथ पर सरकार हर कदम आपके साथ है। मुख्‍यमंत्री ने कहा कि हमारे जवान तनाव मुक्त रहें। इसके लिए सप्ताह में पुलिस कर्मियों को अवकाश मिलना चाहिए। अवकाश देने पर उच्चस्तरीय टीम विचार कर निर्णय करे।

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कार्यक्रम की अध्यक्षता गृह, जेल, विधि-विधायी और संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने की। इसके अलावा भोपाल महापौर मालती राय के अलावा पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्‍सेना समेत पुलिस विभाग के तमाम बड़े अधिकारी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे।

कार्यक्रम के दौरान गृहमंत्री नरोत्‍तम मिश्रा ने अपने संबोधन में प्रदेश के नव-नियुक्‍त आरक्षकों को बधाई देेते हुए बेहतर काम करने की सीख दी। इसके उपरांत सीएम शिवराज ने मंच से प्रतीकात्‍मक तौर पर कुछ आरक्षकों को नियुक्‍ति पत्र सौंपे। कार्यक्रम के दौरान कुछ आरक्षकों ने मंच से अपने अनुभव भी साझा किए।