पोस्ट ग्रेजुएट किसान नवनीत कर रहे रागी की खेती

जिले में मिलेट्स फसलों को दिया जा रहा बढ़ावा

जांजगीर-चांपा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा द्वारा जिले में मिलेट्स मिशन (लघु धान्य फसल) के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर कृषि विभाग को लगातार मैदानी स्तर पर बेहतर कार्य करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। जिसके परिणाम स्वरूप जिले में रागी फसल क्षेत्र विस्तार में बेहतर कार्य किया जा रहा है। जिसके तहत जिले के किसानों द्वारा रागी फसल लगाया जा रहा है।

इसी क्रम में जिले के नवागढ़ विकासखंड के ग्राम सेवई के पोस्ट ग्रेजुएट किसान नवनीत सिंह पिता मान सिंह ने बताया कि सेवई ग्राम में नाला के किनारे उनका 9 एकड़ जमीन है। जिसमें वह विगत 10 वर्ष से कृषि कार्य कर रहे हैं तथा बरसात में धान की फसल लगाते हैं। उन्होंने बताया कि रबी में इस वर्ष 0.400 हेक्टेयर में गेहूं, 0.200 हेक्टेयर में सरसों, 0.600 हेक्टेयर में मिर्च एवं 0.400 हेक्टेयर में प्याज लगाया है। इसके अलावा उन्होंने अपने खेत के तीन एकड़ क्षेत्र में धान के बदले अन्य फसल लेने में रूचि दिखाते हुए पपीता का पौधा भी लगाया है।

उन्होंने बताया कि कृषि विभाग की मिलेट मिशन में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एस के तिवारी द्वारा रागी फसल के संबंध में पौष्टीकता और बाजार मांग की जानकारी प्राप्त होने पर अपने खेत में 1.200 हेक्टेयर मे रबी फसल रागी लगाया है। इसके लिए कृषि कार्यशाला एवं विभाग का मार्गदर्शन और सहयोग प्राप्त हुआ। उन्होंने उम्मीद जतायी कि ग्रीष्मकालीन धान के बदले रागी फसल 1.000 एकड़ में 75 हजार से 80 हजार का फायदा प्राप्त होगा। उनके द्वारा रागी फसल के फायदों को देखते हुए अन्य किसानों को भी इसकी खेती के लिए प्रोत्साहित किया गया है।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में भी मिलेट मिशन शुरू किया गया है, जिसका प्रमुख उद्देश्य प्रदेश में मिलेट (कोदो, कुटकी, रागी, ज्वार इत्यादि) की खेती को बढ़ावा देना, मिलेट के प्रसंस्करण को बढ़ावा देना तथा दैनिक आहार में मिलेट्स के उपयोग को प्रोत्साहित कर कुपोषण दूर करना है। इसके लिए छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के माध्यम से प्रदेश में कोदो, कुटकी एंव रागी का न्यूनतम क्रय मूल्य निर्धारित करते हुए उपार्जन किया जा रहा है।

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