कॉलेजियम सिस्टम ने न्यायपालिका को कमजोर किया : RS सोढ़ी

नई दिल्ली ,24 जनवरी  दिल्ली हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस आरएस सोढ़ी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति के तरीके में बदलाव लाने पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कॉलेजियम प्रणाली की विभिन्न कमियों को उजागर करते हुए कहा कि यह एक फ्लॉप सिस्टम है। रिटायर्ड जज ने कहा कि किस देश में जज ही जजों की नियुक्ति करते हैं, लेकिन भारत में ऐसा हो रहा है जिसे बदलने की जरूरत है।



कानून मंत्री किरण रिजिजू ने जस्टिस सोढ़ी के एक साक्षात्कार का वीडियो रविवार को ही शेयर किया था। इसमें हाई कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश ने कहा था कि शीर्ष कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की नियुक्ति का खुद निर्णय लेकर संविधान को हाईजैक कर लिया है। कानून बनाने का अधिकार सिर्फ संसद के पास है। जस्टिस सोढ़ी ने कहा कि अब कॉलेजियम सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहा है, इसलिए इसे बदल दिया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि क्या बदलाव लाना है, यह बहस का सवाल है और वह इसे संसद पर छोड़ते हैं, ताकि वे बहस कर सकें और संसद न्यायाधीशों से राय ले सके। उन्होंने विभिन्न हाई कोर्टों में बड़ी संख्या में जजों का भी उल्लेख करते हुए कहा कि ये न्यायाधीश प्रतिभाशाली हैं और उनकी अपनी राय है। उन्होंने सवाल उठाया कि हाई कोर्ट के जजों की राय पर गौर क्यों नहीं किया जाता? उनकी आवाज और राय भी सुनी जानी चाहिए। उन्होंने उनकी राय रखने के लिए कानून मंत्री को धन्यवाद दिया।

जस्टिस सोढ़ी ने कहा कि उन्होंने जो कुछ भी कहा है वह कोई राजनीतिक बयान नहीं है बल्कि न्यायपालिका पर एक आम चिंता है। उन्होंने कहा कि कॉलेजियम सिस्टम ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता में सुधार नहीं किया है बल्कि इसने इसे कमजोर कर दिया है। पूर्व जस्टिस सोढ़ी ने कहा कि हाई कोर्ट अपने स्तर पर सर्वोच्च हैं और सुप्रीम कोर्ट अपने स्तर पर, लेकिन वर्तमान व्यवस्थाओं के कारण, हाई कोर्टों द्वारा जमानत और अन्य मुद्दों पर पारित लगभग हर एक आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाती है।