बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में आरक्षण का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजभवन और राज्य की सरकार इस मसले में आमने सामने हैं। इस बीच खबर आ रही है कि आरक्षण का मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है। अधिवक्ता हिमांग सलूजा ने इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में राज्य में आरक्षण की स्थिति स्पष्ट करने और बिल के परिप्रेक्ष्य में बने गतिरोध को समाप्त करने की मांग की गयी है। याचिका में प्रदेश में आरक्षण की स्थिति का जिक्र करते हुए बताया गया है कि आरक्षण की स्थिति स्पष्ट नहीं होने से प्रदेश में शिक्षा और नौकरियां प्रभावित हो रही है।
याचिका में राज्यपाल के उस बयान का भी उल्लेख है, जिसमें उन्होंने 76 प्रतिशत आरक्षण के औचित्य पर सवाल खड़ा किया था। इस याचिका में लिखा है कि आरक्षम बिल काफी समय से छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के समक्ष उनकी सहमति के लिए लंबित है, जिस पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। याचिकाकर्ता याचिका को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट से मांग की है कि वो प्रदेश में आरक्षण की व्यवस्था को लागू करने और आरक्षण पर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दें।
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