कालिंदी हाईट्स प्रोजेक्ट बंद, प्रमोटर भी हुआ डिफाल्टर

रायगढ़। रेरा प्राधिकरण ने मिट्ठूमुड़ा के कालिंदी हाईट्स प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी है। न तो यहां कोई क्रय-विक्रय किया जा सकेगा और न ही एकाउंट से आहरण हो सकेगा। प्रोजेक्ट के प्रमोटर केएल इस्पात एंड पावर को डिफाल्टर घोषित किया गया है।

रियल एस्टेट सेक्टर पर शिकंजा कसने के लिए ही केंद्र सरकार ने रेरा कानून लागू किया है। हर प्रदेश में रेरा प्राधिकरण गठित किया गया है। आवासीय और कमर्शियल प्रोजेक्ट को इसमें पंजीयन कराना अनिवार्य कर दिया गया है। रेरा एक्ट के तहत पंजीकृत प्रोजेक्ट्स को समय-समय पर स्टेटस अपडेट करना होता है। कई तरह के नियम लागू किए गए हैं जिनका पालन करना अनिवार्य है। ऐसे ही नियमों के उल्लंघन करने पर कालिंदी हाईट्स प्रोजेक्ट पर रोक लगाते हुए प्रमोटर केएल इस्पात एंड पावर डायरेक्टर राजेश जिंदल को डिफाल्टर घोषित कर दिया गया है। इस प्रोजेक्ट के लिए विकास अनुमति 2012में दी गई थी लेकिन रेरा पंजीयन 2019 में किया गया। कुल रकबा 0.326 हे. में आवासीय फ्लैट निर्माण करने के लिए अनुमति मिली थी।

प्रोजेक्ट 2022 में पूरा करना था। हर तीन महीने में प्रोजेक्ट की स्थिति अपलोड की जानी थी, लेकिन इसका पालन नहीं किया गया। रेरा एकाउंट की भी जानकारी प्रस्तुत नहीं की गई। इसलिए रेरा प्राधिकरण ने प्रकरण पंजीबद्ध किया था। सुनवाई के बाद 29 अगस्त 2022 को रेरा प्राधिकरण ने आदेश दिया था कि दो महीने के अंदर प्रोजेक्ट के लंबित त्रैमासिक रिपोर्ट अपडेट करें। दस हजार रुपए की शास्ति भी अधिरोपित करते हुए प्रमोटर को डिफाल्टर घोषित करने की चेतावनी दी थी। आदेश का पालन करने तक विवादित प्रोजेक्ट में क्रय-विक्रय पर प्रतिबंध लगाया था। दो महीने में भी जब आदेशों का पालन नहीं किया गया तो अब रेरा ने कार्रवाई की है।

यह है आदेश

रेरा ने प्रमोटर केएल इस्पात एंड पावर को डिफाल्टर घोषित करते हुए प्रोजेक्ट संबंधित सभी खातों से आहरण पर रोक लगा दी है। नवंबर 2022 में संयुक्त जांच टीम ने कालिंदी हाईट्स का निरीक्षण भी किया था। तब सभी विकास कार्य अधूरे पाए गए थे। इसके अलावा प्रमोटर पर 50 हजार रुपए की शास्ति भी अधिरोपित की गई। विकास कार्यों को पूरा कराने के लिए कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त को पत्र भेजा गया है।

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