छत्तीसगढ़ी फिल्म “ले चलहुँ अपन दुवारी” सिनेमाघरों में चल रही हाउसफुल

वेदप्रकाश महंत : “ले चलहुं अपन दुवारी” इस फिल्म की कहानी सामान्य ही है ,लेकिन प्रेजेंटेशन बेहतरीन हो फिल्म तो प्रभावशील होता ही है । वहीं फिल्म चार चांद लगा रखा है । बता दें इस फिल्म में गांव में दुश्मनी गाँव वालों को ही पता नही , कि दुश्मनी किसलिए है ? पर परंपरा निभा रहे (पुलिया) जो दोनो गाँव को मिलाता है उसे (बॉर्डर) बनाकर बांट दिए है,।हीरो देश की सेना में फौजी है, हीरोइन दुश्मन गांव की बेटी है,हीरो अपनी हीरोइन को पहली नजर में दिल दे बैठता है, हीरोइन कहती है कि हम दोनों के दिल तो मिल गए है। पर हमसफ़र बन साथ चलने में बहुत दिक्कत है। लेकिन जनता जानती हैं कि प्यार किया तो डरना क्या. ऐसे ही किसी शायर ने नही कहा है।

निर्मल सच्चे और पवित्र प्यार के ताकत के सामने दोनों परिवार और गांववाले नतमस्तक ही जाते है। और हीरो हीरोइन को आखिरकार शादी की स्वीकृति मिल जाती है। दिन तिथि तय हो जाती है हीरो बॉर्डर चला जाता है। वहां ,अपनी शादी के लिए अवकाश भी स्वीकृत करा लेता है। इधर शादी के लिए मंडप पर दुल्हन मेहंदी सजाए दूल्हे के संग अपने भविष्य के सतरंगी सपने संजोए बारात आने के इंतज़ार करती है । आगे क्या है इसकी कहानी आइए अपने नजदीकी सेनिमाघरों में मिल के देखते हैं। इस फिल्म में अभिनेता पहली ही गेंद पर क्रिकेट में डेब्यू करने वाला बल्लेबाज जब बेधड़क हो तेज गेंदबाज को विश्वास से ओतप्रोत हो जब छक्का मारता है वही रजत पट पर पारी खेली है, पहली ही फ़िल्म में नील वर्मा ने गजब का कॉन्फिडेंस स्क्रीन प्रेजेंस है इस बन्दे का शानदार लम्बी पारी खेलने वाले हीरो छोलीवुड को मिल चुका है ।

आने वाले भविष्य में सबसे व्यस्त एक्टर हो सकते है ये अभिनेता । अभिनेत्री पूजा शर्मा (मोहनी गाने) की अदाकारा है जो पूरे भारत मे धूम मचा रखी है सीमा के रोल में एकदम ढल कर नेचरल एक्टिंग करी है इनका फिल्मी सितारा भविष्य में चमकने वाला है अग्रिम बधाई अन्य सभी कलाकारों ने भी बेहतरीन अभिनय कर अपने चरित्र के साथ न्याय किया है (कका,करेला,) इस फ़िल्म के कुछ आर्टिस्ट मुम्बई में स्थापित हो चुके है। इस फिल्म में डायरेक्शन मृत्युंजय जी की है ,ये पहली सीजी फ़िल्म तो है लेकिन बॉलीवुड में वो बड़े प्रोडक्शन हाउस में सहायक निर्देशक का जिम्मा बखूबी निभा चुके है उनकी कलात्मकता देखते ही बनती है बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर का अवार्ड उन्हें मिलना इस साल का तय है शुभकामनाएं,


पटकथा,संवाद कहानीकार कौस्तुन साहू जी कपिल शर्मा शो के रायटर रहे है छोटे छोटे पंचेस उनके दर्शकों को गुदगुदाते भी है और भाव विभोर भी करते है । डीओपी तकनीक मेकअप पहली महिला सिनेमेटोग्राफर है सीजी फ़िल्म की आरुषि बागेश्वर जी ने शानदार दृश्याकन किया है वे मुम्बई में अपनी सेवाएं देती है एडिटिंग /लाइटिंग बढ़िया हुआ है मेकअप कोई ओवर नही जैसा कि हमारी cg फिल्मों में होता है इस फ़िल्म में निर्देशक ने एकदम नेचुरल टोन रखवाया है। वही फिल्म में कई गायिकी पुरस्कार से सम्मानित सिंगर मोनिका वर्मा और तोशांत ने भी काफी इस फिल्म में मेहनत किया है। छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री से वेदप्रकाश महंत और उनके टीम ने भी इस फिल्म के आर्टिस्ट और फिल्म को काफी ज्यादा सराहनीय बताया है ।

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