राजनांदगांव 21 जनवरी I कलेक्टर डोमन सिंह अपनी सहजता, सरलता और सौम्यता से हर किसी का मन मोह लेते हैं। जिससे उनसे मिलने वाले बेझिझक हो जाते हैं। माहौल ऐसा बन जाता है कि हर कोई अपनी बात सहजतापूर्वक रख पाते हैं। यह बात तब साबित हुई जब कलेक्टर बिना कोई पूर्व सूचना के पालक बनकर ग्राम कांकेतरा आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 3 पहुंचे। यहां पहुंचकर कलेक्टर ने जनसहभागिता से मिले स्मार्ट टीवी से पढ़ाई कर रहे बच्चे के बीच बैठकर बच्चों के लगन और उत्साह को देखा। कलेक्टर ने पालक की भूमिका में बच्चों के साथ 1 घंटे बैठकर समय बिताया और बच्चों के बौद्धिक स्तर, ज्ञान व समझ को परखा। उन्होंने स्मार्ट टीवी के माध्यम से पढ़ाई के महत्व को समझा।
इस दौरान कलेक्टर ने बच्चों को अक्षर ज्ञान और गिनती, कविता सुनाने कहा। उत्साह से लबरेज बच्चों ने बिना कोई झिझक के साथ उत्साह मन से कलेक्टर को हिंदी में कविता, अक्षर ज्ञान, हिंदी, अंग्रेजी वर्णमाला व गिनती सुनाये। कलेक्टर ने बच्चों के लगन को देखकर ताली बजाकर उनका उत्साह बढ़ाने के साथ ही उन्हें अपना आशीर्वाद और शुभकामनाएं दी। कलेक्टर श्री सिंह ने आंगनबाड़ी केंद्र के कार्यकर्ता से कहा कि स्मार्ट टीवी के जरिए बच्चों को ज्ञानवर्धक कहानी, टेलीफिल्म भी दिखाएं। जिससे बच्चों का व्यक्तित्व विकास व कौशल विकास भी होता रहे। कलेक्टर ने कहा कि बालपन की सीख, समझ और ज्ञान उनके जीवन को रेखांकित करता है I
इसे ध्यान में रखते हुए आंगनबाड़ी केंद्र में बालपन से ही बच्चों की नींव को मजबूत बनाना जरूरी है। कलेक्टर श्री सिंह आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों से इतने सहज रूप में मिले, जिससे कम समय में भी बच्चे उनसे घुल मिल गये और उनके साथ अपने ज्ञान और बालपन को साझा किया। कलेक्टर ने कहा जनसहभागिता से जिले के सभी प्राथमिक शाला और माध्यमिक शाला के लिए स्मार्ट टीवी दान में मिले हैं। इसी तरह अब तक 50 से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र के लिए जनसहभागिता से स्मार्ट टीवी दान में मिला है। कलेक्टर ने दान देने वाले लोगों की प्रशंसा करते हुए कहा कि हम सभी समाज के एक अंग हैं। समाज के विकास में हम सब का योगदान रहना चाहिए।
कलेक्टर ने कहा कि स्मार्ट गांव, स्मार्ट जनता, स्मार्ट आंगनबाड़ी केंद्र और स्मार्ट बच्चे की दिशा में यह प्रयास सार्थक साबित होगा। उन्होंने केंद्र में बने भोजन का अवलोकन किया। आंगनबाड़ी केंद्र में स्वादिष्ट भोजन देखकर कलेक्टर ने केंद्र की प्रशंसा की। आये एनीमिया महिला और 0 से 6 साल के बच्चों के पालको से चर्चा की। आंगनबाड़ी केंद्र में नियमित रूप से आकर यहां दिए जाने वाले गुणवत्तायुक्त व पोषकयुक्त भोजन ग्रहण कर स्थाई रूप से अपनी समस्या से मुक्त होने का सलाह दिया।
प्राथमिक शाला कांकेतरा पहुंचे कलेक्टर, बच्चों ने सुनाया पहाड़ा –
स्कूल में पढ़ाने के लिए अपनाये गये तौर-तरीकों को देखकर गदगद हुए कलेक्टर –
कलेक्टर श्री सिंह प्राथमिक शाला कांकेतरा के कक्षा पहली व दूसरी के बच्चों के बीच पहुंचे। कलेक्टर के पहुंचने पर कक्षा 2 के स्कूली बच्चों ने उनका गुड आफ्टर नून सर कहकर अभिवादन किया। कलेक्टर ने मुस्कान भरे लफ्जों में कहा कि आज के बच्चे काफी एडवांस हो गए हैं। कक्षा दूसरी के बच्चों के द्वारा अंग्रेजी में अभिवादन करना एक अच्छी बात है। कक्षा दूसरी के बच्चों ने एक स्वर में कलेक्टर को 2 से 5 तक का पहाड़ा पढ़कर सुनाया। इस विद्यालय में प्रधान पाठक सहित शाला के शिक्षकों के द्वारा अपने खुद के द्वारा बनाए गए वीडियो के जरिए स्मार्ट टीवी के माध्यम से बच्चों को पढ़ाई करा रहे हैं।
साथ ही साथ स्कूली बच्चों को किसी शब्द को अंग्रेजी हिंदी और छत्तीसगढ़ी में सिखा रहे हैं। इस विद्यालय के लिए भी जनसहभागिता से स्मार्ट टीवी दान में मिला है। कलेक्टर ने कहा कि एक छोटे से प्रयास से बच्चे का भविष्य संवारने में मदद मिल रही है। उन्होंने सामाजिक उत्तरदायित्व के निर्वहन में इस प्रयास को एक सकारात्मक कदम बताया।
कलेक्टर कांकेतरा के सरपंच को अपनी गाड़ी में बिठा कर अपने साथ ग्राम पंचायत भवन तक ले गये –
कलेक्टर डोमन सिंह जब कांकेतरा प्राथमिक शाला स्कूल का निरीक्षण कर रहे थे। इस दौरान सरपंच को जब पता चला कि कलेक्टर उनके गांव पहुंचे हैं। तब उनहोंने स्कूल पहुंचकर कलेक्टर से भेंट किया। कलेक्टर ने प्राथमिक शाला भवन में सरपंच को अपनी गाड़ी में अपने साथ बिठाकर पंचायत भवन तक ले गए। कलेक्टर ने पंचायत भवन में गांव के पंचगणों से गांव की समस्या और विकास के संबंध में चर्चा की। गांववालों ने बताया कि कोई कलेक्टर पहली बार उनके साथ बैठकर इतनी सहजता और उदारता के साथ उनके साथ वार्तालाप कर रहे हैं।
सरपंच ने बताया कि वे अपनी पूरी जिंदगी में पहली बार इतने वरिष्ठ अधिकारी के साथ बैठकर बात कर रहे हैं । इस पर कलेक्टर ने कहा कि हम सब समाज के ही हिस्से हैं। उन्होंने कहा कि कोई बड़ा या छोटा नहीं होता है। सबको मिलकर समाज व गांव के विकास के लिए योगदान देना होता है। कलेक्टर ने ग्रामवासियों को समझाइश देते हुए कहा कि सभी ग्रामवासी आपस में मिलजुल कर रहें। कोई विवाद ना करें। एक दूसरे के सुख-दुख का हिस्सा बनें। तभी गांव का विकास और सुखद वातावरण निर्मित होगा।
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