निंदर धुगियाणवी बने हिंदी विवि के आवासीय लेखक

वर्धा ,18 जनवरी ।  पंजाब के नामवर लेखक और अपनी आयु से 10 पुस्तकें ज्‍यादा लिखने वाले  निंदर धुगियाणवी को महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय, वर्धा ने बतौर आवासीय लेखक नियुक्‍त किया है। निंदर धुगियाणवी छोटी आयु में इस पर पर नियुक्‍त होने वाले पहले लेखक है।

उन्‍होंने अपनी 47 वर्ष की आयु में 57 किताबें लिखी है। उन्‍हें आवासीय लेखक के नियुक्ति का पत्र सौंपते हुए कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल ने कहा कि विश्‍वविद्यालय के लिए यह सम्‍मान की बात है कि  निंदर धुगियाणवी विश्‍व प्रसिद्ध लेखक है और 10 किताबें हिंदी में भी लिख चुके हैं। उनको नियुक्ति पत्र देते समय विश्‍वविद्यालय के कुलसचिव क़ादर नवाज़ ख़ान भी मौजुद थे।

उल्‍लेखनीय है कि  निंदर धुगियाणवी की बहु चर्चित पुस्‍तक ‘मैं था जज का अदर्ली’ का विश्‍वविद्यालय की तरफ से सहायक प्रोफसर संदीप सपकाले मराठी में अनुवाद कर रहे हैं।  धुगियाणवी विश्‍वविद्यालय के लिए अपनी कई पुस्‍तकें लिखेंगे।