इंदौर,16 जनवरी । 52 साल की एक महिला की मृत्यु के बाद उनके हाथों के प्रत्यारोपण से 18 साल की युवती को जिंदगी अब आसान होने की उम्मीद है। अंगदान की प्रक्रिया से जुड़े सरकारी अधिकारियों ने यह जानकारी दी।अधिकारियों ने बताया कि इंदौर निवासी विनीता खजांची (52) को अचानक मस्तिष्क संबंधी गंभीर समस्या के चलते शहर के एक निजी अस्पताल में 13 जनवरी की सुबह भर्ती कराया गया था।
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अस्पताल में खजांची की हालत बिगड़ती चली गई और चिकित्सकों ने उन्हें 15 जनवरी को दिमागी रूप से मृत घोषित कर दिया।शोक में डूबे होने के बावजूद खजांची के परिजन उनकी अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए उनके मरणोपरांत अंगदान के लिए खुद आगे आए और इसके बाद शल्य चिकित्सकों ने महिला के मृत शरीर से उनके दोनों हाथ, दोनों फेफड़े, यकृत और दोनों गुर्दे एकत्र कर लिए।
‘इंदौर सोसायटी फार आर्गन डोनेशन’ के सचिव डा. संजय दीक्षित ने को बताया कि यह राज्य के इतिहास में पहली बार है, जब दिमागी रूप से मृत किसी व्यक्ति के हाथों का अंगदान किया गया है।यह घटना अंगदान के क्षेत्र में एक क्रांति की तरह है। खजांची के मरणोपरांत अंगदान से मिले दोनों हाथों को विशेष उड़ान से मुंबई भेजा गया।दीक्षित ने बताया कि मुंबई के एक निजी अस्पताल में प्रत्यारोपण के जरिए इन हाथों को एक युवती के शरीर में लगाया जाएगा।
फेफड़े विशेष उड़ान से चेन्नई भेजे गए
अंगदान को बढ़ावा देने वाली गैर सरकारी संस्था ‘मुस्कान ग्रुप’ के स्वयंसेवक संदीपन आर्य ने बताया कि खजांची के मरणोपरांत अंगदान से मिले दोनों फेफड़े विशेष उड़ान से चेन्नई भेजे गए और ये अंग वहां के एक निजी अस्पताल में जरूरतमंद मरीजों के शरीर में प्रत्यारोपित किए जाएंगे।आर्य ने बताया कि इस अंगदान से हासिल यकृत और दो गुर्दे इंदौर के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती मरीजों के शरीर का हिस्सा बन कर उन्हें नई जिंदगी देंगे। उन्होंने बताया कि मस्तिष्क संबंधी गंभीर समस्या के चलते दम तोड़ने वाली महिला की त्वचा और आंखें भी दान की गई हैं।
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