KORBA : DMF के करोड़ों रुपए बर्बाद करने महिला एवं बाल विकास विभाग का नायाब तरकीब, विद्युतविहीन केंद्रों में लगा रहे वॉटर प्यूरिफॉयर, अम्बिकापुर की फर्म को नियम कायदों की परवाह नहीं, जर्जर भवनों में लग रहे केंद्रों से विभाग बेखबर, देखें मनमानी….

कोरबा, 16 जनवरी । आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में जिला खनिज संस्थान न्यास को लूटने में महिला एवं बाल विकास विभाग ने भी कोई कसर नहीं छोंडी । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भेंट मुलाकात कार्यक्रम ग्राम रंजना से लगे आधा दर्जन विद्युतविहीन आंगनबाड़ी केंद्रों में आरओ प्लस यूवी टेक्नोलॉजी युक्त वॉटर प्यूरिफॉयर बांट दिए। सोमवार को हसदेव एक्सप्रेस की पड़ताल में ये हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आई। डीपीओ ने शीघ्र ऐसे केंद्रों में विद्युतीकरण किए जाने की बात कही है।

पड़ताल में जहां सीएम के भेंट मुलाकात कार्यक्रम स्थल ग्राम रंजना में सीएम के समक्ष जनशिकायतों से बचने 3 दिन पूर्व वॉटर प्यूरिफॉयर वितरण की जानकारी सामने आई। तो वहीं समुचित विद्युत व्यवस्था के अभाव में वॉटर प्यूरिफॉयर अनस्टाल मिले। मतलब बच्चों को इसका कोई लाभ मिलता नजर नहीं आया। अब हसदेव की टीम नजदीकी ग्राम बसन्तपुर के आंगनबाड़ी केन्द्र क्रमांक -2 पहुंचीं ,जहाँ विद्युतविहीन केंद्र में 2 दिन पूर्व वॉटर प्यूरिफॉयर लगाए गए थे। कमोबेश यही डोंगरी क्रमांक -2 ,डोंगरी क्रमांक -4 एवं जवाली क्रमांक 1 में नजर आया। विद्युतविहीन केंद्रों में वॉटर प्यूरिफॉयर लगाया जा रहा था। जवाली में हमारी की टीम का सामना सीधे अम्बिकापुर के सप्लायर शोराब खान के इंजीनियर रामविलास से हुआ। जब हमने विद्युत विहीन केंद्रों में वाटर प्यूरिफॉयर लगाए जाने की वजह जाननी चाही तो उन्होंने कहा कि उन्हें केंद्रों की लिस्ट थमा दी गई है ,वहाँ वे लगा रहे। विद्युत कनेक्शन मैडम लोग लगा लेंगी। सप्लायर के पास 20 केंद्रों की सूची थी। इनमें रंजना के 6,जवाली के 3 ,कोलिहा मुड़ा के 2,मोहनपुर के 3 ,डोंगरी के 4 ,राल के 2 ,डोकरीखार एवं आच्छीमार के एक एक केंद्र शामिल थे। जानकारी अनुसार पूरे जिले में तकरीबन 700 केंद्रों में वॉटर प्यूरिफॉयर लगाए जा रहे। इस कार्य के लिए तकरीबन 5 करोड़ रुपए से अधिक की राशि व्यय की गई है। जिसकी गुणवत्ता एवं भौतिक सत्यापन की दरकार है।

अलमारी, बुक सेल्फ केंद्रों से गायब, कार्यकर्ताओं के घरों में या दी गई फर्जी पावती

डीएमएफ से बुक सेल्फ एवं आलमारी प्रदान करने तकरीबन 15 करोड़ की राशि व्यय की गई है। लेकिन अधिकांश केंद्रों में ये नजर नहीं आते,या तो ये सभी सामग्री कार्यकर्ताओं के घरों की शोभा बढ़ा रहे या फिर उनसे प्राप्ति की फर्जी पावती ली गई है।यह जांच का विषय है। हसदेव की पड़ताल में इन केंद्रों में ये सामग्री नजर नहीं आई।

जर्जर केंद्रों में संचालन

कलेक्टर ,डीपीओ के तमाम निर्देशों के बावजूद बसंतपुर केंद्र क्रमांक 2 एवं जवाली केंद्र क्रमांक 1 जर्जर भवन में संचालित हो रहे। डोंगरी -4 की भी हालत अत्यंत निराशजनक है। फर्श टूटे फूटे मिले ,शौचालय दयनीय दशा में मिली। कार्यकर्ताओं सहायिकाओं की मानें तो जर्जर केंद्रों में संचालन उनकी मजबूरी है। विभाग केंद्रों की सुध लेने की जगह सामग्री सप्लाई में जुटा है।

जर्जर केंद्रों में संचालन नहीं होगा, तत्काल संचालन बंद करवाएंगे

विद्युतविहीन केंद्रों में वॉटर प्यूरीफायर लगाए जाने की शिकायतें मिल रही है ,हमने निरीक्षण में भी यह स्थिति देखी। विद्युत विभाग से अविलम्ब कनेक्शन के लिए आवेदन करने निर्देश दिए हैं। जर्जर केंद्रों में संचालन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। तत्काल संचालन बंद कराएंगे।

  • प्रीति खोखर चखियार ,डीपीओ मबावि