मकर संक्रांति के पावन पर्व पर रविवार सुबह से स्नान और दान का क्रम जारी है। श्रद्धालु देर रात से पवित्र नदियों में डुबकी लगा रहे हैं। जगह-जगह मेलों का आयोजन किया गया है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 14 जनवरी की रात 3.01 बजे से मकर संक्रांति लग गई। इसके लिए देर रात से ही श्रद्धालु जुटने लगे थे। मकर संक्रांति पर्व 15 जनवरी की दोपहर 2.27 बजे तक रही। उदया तिथि होने से रविवार को मकर संक्रांति का पुण्यकाल दिनभर माना गया है।
मकर संक्रांति पर करें इन 10 वस्तुओं का दान
- चावल और काली उड़द की खिचड़ी
- काले तिल से बनी चीजें दान
- गुड़ का दान
- नमक का दान
- ऊनी कपड़ों का दान
- देशी घी से बने व्यंजनों का दान
- शनिदेव के मंदिर में तेल चढ़ाना
- काली चीजों का दान
- गरीबों को रेवड़ी और मूंगफली खिलाएं
- गरीब को भोजन कराएं
16 से शुरू होंगे मांगलिक कार्य
मकर संक्रांति के साथ ही मलमास समाप्त हो जाएगा और 16 जनवरी से मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। मलमास 14 जनवरी की रात 8:45 बजे सूर्य के मकर राशि मे जाने से समाप्त ही हो गया। इस बार मई माह में सर्वाधिक 14 विवाह मुहूर्त रहेंगे। इस बीच, बसंत पंचमी, रामनवमी, भड़ल्या नवमी, अक्षय तृतीया, विजया दशमी सहित कई अबूझ मुहूर्त भी होंगे।
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