राज्य में पड़े ईडी के छापे भाजपा के देशव्यापी राजनैतिक अभियान का हिस्सा हैःकांग्रेस

रायपुर ,15 जनवरी । प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अरुण साव के बयान से यह साफ हो गया कि छत्तीसगढ़ में पड़े ईडी के छापे भारतीय जनता पार्टी के देशव्यापी राजनैतिक अभियान का हिस्सा है। ईडी विद्वेषपूर्वक कार्यवाही करती है भाजपा के नेता उसकी कार्यवाही को जायज ठहराने में लग जाते है यह रिश्ता क्या कहलाता है? भाजपा जहां पर अपने विरोधी दलों से राजनैतिक रूप से नहीं निपट पाती वहां पर वह आईटी, ईडी, सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों को आगे करती है। आईटी ने छापेमारी किया है, कुछ गलत मिला होगा तो वह विधिसम्मत कार्यवाही करे। ईडी की कार्यवाही के आधार पर भाजपा के अध्यक्ष जो बयानबाजी कर रहे उससे इस कार्यवाही की मंशा पर सवाल खड़ा हो रहे है। देशभर में आईटी और ईडी भारतीय जनता पार्टी के मोर्चा संगठन की भांति काम कर रही है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि ईडी की कार्यवाही और कार्यप्रणाली दोनों लगातार सवालों के घेरे में रहती है। भाजपा बतायें कि पिछले 8 साल में कितने भाजपा और भाजपा के सहयोगी दलों के लोगों के यहां छापे की कार्यवाही की गयी? देश में सारी अनियमितता विरोधी दल के लोग ही कर रहे है, भाजपा और उसके सहयोगी दल के नेता दूध के धुले हुए है? ईडी, आईटी और भाजपा का जो नापाक गठबंधन देशभर में दिख रहा, लोग जानना चाहते है ये रिश्ता क्या कहलाता है? 8 सालो में 6000 छापे मारने वाली ईडी सिर्फ 23 मामलों में ही सबूत दे पाई है मतलब ईडी सिर्फ भाजपा के विरोधियों की छवि खराब करने का काम कर रही।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि ईडी रमन सिंह सरकार के घोटालों की जांच कब करेगी? 36000 करोड़ का नान घोटाला और 6200 करोड़ का चिटफंड घोटाला रमन सिंह सरकार का वह घोटाला है जिसमें सीधे आम आदमी के साथ लूट की गयी है। इन दोनों ही घोटालों में तत्कालीन सरकार के प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता के प्रमाण भी सामने आये है और इसमें रूपयों का भी लेनदेन हुआ है। किसी भी प्रकार के नगदी अवैध लेनदेन की जांच प्रत्यावर्तन निदेशालय के द्वारा की जानी चाहिये। इन दोनों ही मामलों में पुलिस अपना काम कर रही है और आपराधिक मामलों की जांच भी हो रही। रमन सिंह तो स्वयं को ईडी का प्रवक्ता भी घोषित कर चुके है ऐसे में उन्हें स्वयं होकर ईडी से जांच की मांग का समर्थन करना चाहिये। रमन सिंह की घबराहट और बौखलाहट बताती है कि वे जांच की मांग से डर रहे है।