कोरबा ,13 जनवरी । हमारे देश में त्योहारों का विशेष महत्व है । यहाँ विविध जाति एवं संप्रदाय के लोग निवास करते हैं इसलिए भी यहाँ हर तरफ के तीज ज्योहारों का विशेष आनंद एवं धूम होती है । वर्ष में शायद ही कोई ऐसा दिन होगा जिस दिन कोई त्योहार ना हो । ऐसे में जब मौका पंजाब का आए तो सबके चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ जाती है । यह विदित है कि पंजाबी लोक संस्कृति भारत में ही नहीं वरन विदेशों में लोकप्रियता में जानी जाती है । जनवरी के महीना शर्द सा माहौल और ऐसे में वर्ष का पहला त्योहार जो हमें पंजाब की धरती से साक्षात कराता है और वह त्यौहार है लोहरी । लोहरी हर वर्ष मकर संक्राति के एक दिन पहले मनाया जाता है । जिसके बारे में विविध कथाएँ प्रचलित है ।
लोगों को इसका ज्ञान होना अति आवश्यक है कि हम लोहरी, क्यों मनाते हैं । दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में जहाँ हर त्योहारों में बच्चो के साथ पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है ताकि बच्चों को प्रायोगिक रूप में उस त्योहार को मनाने का तरीका एवं उसे मनाने का कारण बताया जा सके । विद्यालय में लोहरी एवं मकर संक्रान्ति उत्सव का आयोजन किया गया । रंग-बिरंगे ध्वजों के मध्य सजी लोहरी की पूजा-अर्चना संपूर्ण विधि-विधान से किया गया। विद्यालय के संस्कृत शिक्षक योगेश शुक्ला ने विधिवत मंत्रोच्चारण कर पूजा करवाई। विद्यालय में प्रायमरी कक्षाओं के विद्यार्थियों ने रंग-बिरंगे पतंग बनाकर एवं उड़ाकर अपनी खुशियों का इजहार किया।
विद्यालय परिसर में चहुँओर रंग-बिरंगे पतंगों की छटा से एक अलग ही खुशनुमा माहौल बन गया था।विद्यालय परिसर को विभिन्न रंग-बिरंगे पतंगों की सुंदर कृतियों से सजाया गया था। सर्वप्रथम विद्यालय परिसर में विद्यालय के प्राचार्य एवं शिक्षकगण द्वारा दुल्ला भट्टी का निर्माण कर उसमें रेवड़ी, मक्का, तिल, मुगफली, चुड़ा के मिश्रण की भट्टी के चारों ओर परिक्रमा करते हुए आहुती दी गई । तत्पश्चात् विद्यालय के नृत्य प्रशिक्षिक श्रीमती रूमकी हलदर एवं प्रशिक्षक श्री हरि सारथी के निर्देशन में बच्चों ने पंजाबी शैली में नृत्य प्रस्तुत किया जिसने सभी का मन मोह लिया । जिसमें प्री-प्राइमरी कक्षाओं तथा कक्षा पहली से कक्षा 11वीं के बच्चों ने उत्साह से भाग लिया एवं पंजाबी लोक नृत्य भाँगड़ा के लोहरी को हर्षोल्लास से मनाया ।
बच्चों ने पतंग उड़ाकर अपनी खुशियाँ जाहिर की। सभी बच्चों में इस त्यौहार को लेकर काफी उत्साह एवं उमंग देखा गया, सभी बच्चों ने एक साथ खुशी से झुमते हुए पंजाबी गीतों पर नृत्य किया तथा बच्चे पंजाब की विशेष पोषाक पहनकर बच्चों के बीच इस पर्व का संदेश दिया । इस पर्व में विद्यालय की ओर से सभी बच्चों को मिठाईयां व प्रसाद बाँटा गया एवं आपस में लोहड़ी पर्व की खुशियाँ बाँटी । इस त्योहार को मनाने का कारण स्पष्ट करते हुए शिक्षिका श्रीमती बलजीत कौर सीमा कौर ने बताया कि यह त्योहार मुख्यतः नई फसल की कटाई के मौके पर मनाया जाता है और रात को लोहड़ी जलाकर सभी रिश्तेदार और परिवार वाले पूजा करते हैं ।
लोहरी पर जलाए जाने वाले भाग के बारे में बताया कि यह अग्नि, राजा दक्ष की पुत्री सती की याद में जलाई जाती है । जो अपने पिता के घर अपने पति का अपमान बरदास्त न कर सकी और यज्ञ कुंड में अपने आप को भष्म कर दिया । इस अवसर पर विद्यालय प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि त्योहारों से हमारी धार्मिक मान्यताएँ जुड़ी हैं । हर त्योहार किसी न किसी धार्मिक कहानी के कारण मनाया जाता है । इन मान्यताओं को जानना और सही तरीके से त्योहार मनाना चाहिए । विद्यालय में लोहरी का आयोजन कर बच्चों को अपने संस्कृति के बारे में बताया गया है । आज के परिवर्तन में जहाँ लोग अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं ऐसे में बच्चे ही भविष्य में संस्कृति की बागडोर संभालेंगें, अतः उन्हें वास्तविकता का ज्ञान होना जरूरी है ।
[metaslider id="347522"]