समस्याओं के निराकरण एवं मनोकामना के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं माता का दरबार
12 जनवरी, भीतररास सिहावा स्थित माँ शीतला मंदिर इस अंचल में ग्रामीणों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। भक्तों एवं श्रद्धालुओं में शीतला माता के प्रति अगाध आस्था होने से इस मंदिर में प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आतें हैं।
उल्लेखनीय है भीतर रास सिहावा स्थित माँ शीतला शक्तिपीठ सिहावा अंचल के लगभग ४०० गांवो की प्रमुख देवी गद्दी मालकिन है। इस कारण शीतला माता की सेवा एवं मंदिर की देख-रेख अंचल के गांव वालों के द्वारा किया जाता है। इस मंदिर में प्रमुख रूप से निसंतान दम्पति, बीमारियों से मुक्ति एवं अन्य परेशानियों से निजात पाने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं
मान्यता है कि प्राचीन समय में जब यह शीतला मंदिर परिसर घनघोर जंगल था। उस समय एक लकड़हारा इस स्थान पर लकड़ी काटने आया था, लकड़ी काटने के पश्चात पत्थर से वह अपनी कुल्हड़ी की धार तेज कर रहा था।उसी समय उस पत्थर से खून निकलना शुरु हो गया, जिससे भयभीत होकर लकड़हारा गांव में पहुंचकर अपने गांव के बुजुर्गों एवं जानकार लोगों को इसकी जानकारी दी। फिर गांव वालों ने इस स्थान पर आकर देवी माँ की पूजा-अर्चना कर देवी से इस सबंध में जानकारी ली। गांव वालों की विनती पर शीतला माता ने अपनी स्वयंभू उत्पति होने की जानकारी दी। उसी दिन से यह मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था केंद्र के रूप में स्थापित हो गया।
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