हिन्दी भाषा, संस्कृति और मूल्य हमारे साथ बरकरार रहने चाहिए और ये एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करते है – डॉ. संजय गुप्ता

कोरबा,11 जनवरी । विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में मातृभाषा हिन्दी को बढ़ावा देने व अपनी भाषा के ज्ञान एवं सम्मान करने विविध आयोजन किए गए । इस आयोजन में हिन्दी विभाग की ओर से बच्चों के लिए संगोष्ठी, भाषा क्लब का गठन, पत्र-पत्रिका वाचन, निबंध लेखन, सुलेख, वाद-विवाद का आयोजन किया गया । आयोजन का स्तर कक्षा के आधार पर रखा गया । कक्षा 9वीं के विद्यार्थियों ने हिन्दी विभागाध्यक्ष हेमलाल श्रीवास एवं सोमा चौधरी के दिशा-निर्देशन में मुहावरे एवं लोकोक्ति शैली में वार्तालाप प्रतियोगिता का आयोजन करवाया साथ ही दैनिक जीवन में उपयोग होने वाले विभिन्न अंगेजी शब्दों का शुद्ध हिन्दी पर्याय बताया।वर्तमान की सबसे विकट समस्या दहेज-प्रथा जैसे विषय पर एवं हिन्दी भाषा के महत्व पर वादविद प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।कक्षा 9वीं एवं 7वीं के विद्यार्थियों के मध्य अंताक्षरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।सभी विद्यार्थियों ने सभी प्रतियोगिताओं का भरपूर आनंद लिया।विद्यार्थियों ने शुद्ध हिन्दी शब्दों का प्रयोग करते हुए अपना परिचय दिया।


इस अवसर पर विद्यालय प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि हिंदी दिवस को उस दिन को याद करने के लिए मनाया जाता है जिस दिन हिंदी हमारे देश की आधिकारिक भाषा बन गई। यह हर साल हिंदी के महत्व पर जोर देने और हर पीढ़ी के बीच इसको बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है जो अंग्रेजी से प्रभावित है। यह युवाओं को अपनी जड़ों के बारे में याद दिलाने का एक तरीका है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कहाँ तक पहुंचे हैं और हम क्या करते हैं अगर हम अपनी जड़ों के साथ मैदान में डटे रहे और समन्वयित रहें तो हम अपनी पकड़ मजबूत बना लेंगे।


यह दिन हर साल हमें हमारी असली पहचान की याद दिलाता है और देश के लोगों को एकजुट करता है। जहां भी हम जाएँ हमारी भाषा, संस्कृति और मूल्य हमारे साथ बरकरार रहने चाहिए और ये एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करते है। विश्व हिंदी दिवस एक ऐसा दिन है जो हमें देशभक्ति भावना के लिए प्रेरित करता है। जहाँ अंग्रेजी एक विश्वव्यापी भाषा है और इसके महत्व को अनदेखा नहीं किया जा सकता है वहीँ हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम पहले भारतीय हैं और हमें हमारी राष्ट्रीय भाषा का सम्मान करना चाहिए। आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाने से साबित होता है कि सत्ता में रहने वाले लोग अपनी जड़ों को पहचानते हैं और चाहते हैं कि लोगों द्वारा हिंदी को भी महत्व दिया जाए। आज के समय में अंग्रेजी की ओर एक झुकाव है जिसे समझा जा सकता है क्योंकि अंग्रेजी का इस्तेमाल दुनिया भर में किया जाता है और यह भी भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक है। यह दिन हमें यह याद दिलाने का एक छोटा सा प्रयास है कि हिंदी हमारी आधिकारिक भाषा है और बहुत अधिक महत्व रखता है।